2024 लोकसभा चुनावों के लिए एकजुट आने की तैयारी में जुटे विपक्षी दलों के गठबंधन का नाम "आईएनडीआईए (भारतीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक समावेशी गठबंधन)" कहलाएगा। मंगलवार को कई विपक्षी नेताओं ने इसके बारे में ट्वीट कर जानकारी साझा की और एनडीए पर निशाना साधा।
बैठक में शामिल राष्ट्रीय जनता दल ने ट्वीट किया कि विपक्षी दलों का गठबंधन भारत का प्रतिबिंब है। आरजेडी ने इंडिया का फुलफॉर्म बताया- INDIA यानी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस। आरजेडी ने इसके साथ लिखा- अब प्रधानमंत्री मोदी को इंडिया कहने में भी पीड़ा होगी।
वहीं, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, "तो 2024 में टीम आईएनडीआईए बनाम टीम एनडीए का मुकाबला होगा। चक दे, आईएनडीआईए।" इसके अलावा, राष्ट्रीय जनता दल ने लिखा, "अब भाजपा को INDIA कहने में भी पीड़ा होगी।"
बता दें कि आगामी लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराने के मंसूबों को लेकर रणनीति तैयार करने के इरादे से 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेता बेंगलुरु में मिले। इस तरह के नाम पर विचार किए जाने का संकेत देते हुए कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनिकम टैगोर ने ट्विटर पर कहा, "आईएनडीआईए जीतेगा।" बैठक जारी होने के दौरान ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने ट्वीट किया, "चक दे! आईएनडीआईए।"
मंगलवार सुबह, सीपीआई महासचिव डी राजा भी, तमिलनाडु के सीएम और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और पार्टी सांसद टीआर बालू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री टीएमसी नेता ममता बनर्जी, समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव, पार्टी सांसद राम गोपाल यादव, झारखंड के सीएम और जेएमएम के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष की बैठक के दूसरे दिन पहुंचे।
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और पार्टी सांसद मनोज झा भी बैठक में शामिल होने पहुंचे। लालू प्रसाद यादव ने कहा, "हमें नरेंद्र मोदी को विदाई देनी होगी।" बता दें कि कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी बैठक के लिए सबसे पहले यहां पहुंचे थे।
गौरतलब है कि बैठक का उद्देश्य एक ऐसे गठबंधन का निर्माण करना है, जो 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन को टक्कर दे सके। इस बीच, विपक्षी दल की बैठक के पहले दिन की शुरुआत कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया द्वारा आयोजित रात्रिभोज बैठक से हुई।