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गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को मजबूत बनाए रखने में कुछ हद तक चूकी कांग्रेस अब फिर से विपक्षी दलों को एकजुट करने में लग गई है। अब विपक्षी दलों ने गोपालकृष्ण गांधी को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।
गोपाल कृष्ण गांधी को विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार

गोपाल कृष्ण गांधी उपराष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की ओर से प्रत्याशी होंगे। संसद भवन के पुस्तकालय कक्ष में हुई विपक्ष की बैठक में गांधी के नाम पर निर्णय लिया गया। बता दें कि इससे पहले इनका नाम विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार के रूप में भी सामने आया था लेकिन राजग की ओर से दलित उम्मीदवार उतारे जाने के बाद विपक्ष ने मीरा कुमार का नाम आगे बढ़ा दिया।

बापू के पोते हैं गांधी

गोपालकृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं। वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल भी रह चुके हैं।

जीवन परिचय

गोपालकृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1946 को हुआ। वे भारतीय सिविल सेवा में भी रह चुके हैं। साथ ही उनकी पहचान बड़े डिप्लोमैट के रूप में भी रही। 2004 से 2009 तक वे पश्चिम बंगाल के राज्यपाल रहे। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व सदस्य के रूप में, उन्होंने अन्य प्रशासनिक और कूटनीतिक पदों के बीच भारत के राष्ट्रपति के सचिव के रूप में और दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के उच्चायुक्त के रूप में सेवा की।

17 विपक्षी दलों की सहमति

मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में 17 विपक्षी दल उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनाने के लिए बैठक में हिस्सा लिए। इस अहम बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल, ए के एंटनी, डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), जयप्रकाश नारायण यादव (आरजेडी), नरेश अग्रवाल (एसपी), प्रफुल पटेल (एनसीपी), तारिक अनवर एलांगवन (डीएमके), शरद यादव, उमर अब्दुल्ला, हेमंत सोरेन और अजित सिंह शामिल हैं।

कहा जा रहा है कि विपक्षी दल राष्ट्रपति चुनाव के दौरान हुई गलतियों को दोहराना नहीं चाहेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्ष की एकता में फूट पड़ गई थी। परिणामस्वरूप जदयू ने एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने की घोषणा कर दी।

सोनिया ने की बात

सोनिया गांधी ने कहा कि गोपाल कृष्ण गांधी से उनकी बात हो गई है, वह विपक्षी दलों की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनने को तैयार हैं।

मुख्य घटक पर सीबीआई रेड

यह मीटिंग ऐसे समय पर हो रही है जब प्रमुख विपक्षी घटक राजद के मुखिया मुश्किलों में हैं। लालू यादव और उनके परिवार पर सीबीआई के छापे पड़ हैं। लालू यादव विपक्षी दलों की बैठक में खुद नहीं आएंगे। आरजेडी की तरफ से जेपी यादव बैठक में भाग ले रहे हैं। 

नहीं आए नीतीश

बीहार के सीएम नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। वहीं शरद यादव ने सोमवार को खुद ये कहा कि वो विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने जाएंगे। लेकिन मंगलवार को ही पटना में जेडीयू ने अपने विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें लालू यादव और उनके परिवार पर पड़े छापों के बाद की राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी। 

एकजुटता दिखाने का प्रयास

उपराष्ट्रपति चुनाव में हार जीत से कहीं ज्यादा कांग्रेस को चिंता इस बात की है कि विपक्षी एकता में फूट पड़ने का संदेश ना जाए। माना तो यह भी जा रहा है कि उपराष्ट्रपति चुनाव के दौरान नीतीश कुमार विपक्षी दलों के साथ रहेंगे। लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश के कदम से विपक्षी एकता को तगड़ा झटका लगा था।

10 अगस्त को उपराष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म

गौरतलब है कि लगातार दो बार उपराष्ट्रपति चुने जाने वाले हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। उस दौरान अगर जरूरत पड़ी तो उपराष्ट्रपति का चुनाव 5 अगस्त को होगा और नतीजों की घोषणा भी उसी दिन हो जाएगी।

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