खासकर गोवा में भाजपा को हराने के लिए नया राजनीतिक दल गठित करने की प्रक्रिया में जुटे वेलिंगकर ने यह भी कहा कि वह हर हाल में आम आदमी पार्टी का समर्थन कतई नहीं करेंगे।
हालांकि उन्होंने शिवसेना और महाराष्ट्र गोमांतक पार्टी के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार नहीं किया। ये दोनों दल अभी भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार में साझेदार हैं। वेलिंगकर ने कहा, 'यदि मनोहर पर्किर या कोई उनसे भी बड़ा नेता गोवा में प्रचार करे तो भी इसका असर नहीं पड़ेगा। जनता भाजपा के खिलाफ पहले ही जा चुकी है। गोवा में जो पाप हुआ है, उससे भाजपा के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता अब उसके खिलाफ हो गए हैं।
भाजपा ने गोवा की संस्कृति को प्रदूषित कर दिया है।' इससे पहले इस माह वेलिंगकर ने पर्रिकर पर उन्हें राज्य के संघ प्रमुख से हटाने के लिए संघ के शीर्ष नेताओं पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था।
गौर हो कि वेलिंगकर ने गोवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समानांतर इकाई खड़ी कर ली है। इस इकाई ने उन्हें संघ चालक मनोनीत किया है। संघ के बागी नेता वेलिंगकर भारतीय भाषा सुरक्षा मंच के सह-संयोजक हैं। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली गोवा सरकार पर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाए जाने वाले प्राथमिक विद्यालयों का अनुदान बंद करने के अपने वादे निभाने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है।
खासकर ये स्कूल गोवा के कैथलिक चर्चों द्वारा संचालित किए जाते हैं। यह मंच 2 अक्टूबर को नए राजनीतिक संगठन की घोषणा करेगा। वेंलिगकर ने कहा कि इसका खास मकसद आने वाले चुनाव में भाजपा को हराना रहेगा। उन्होंने कहा, 'संघ किसी दल का समर्थन नहीं करता। संघ के स्वयंसेवक सिद्धांतों पर कायम रहते हैं। कोई भी दल जो सिद्धांतों को रौंदता है, संघ के स्वयंसेवक उसे बर्दाश्त नहीं करते।'