कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। दरअसल, पवन खेड़ा गिरफ्तारी से राहत के लिए गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया है। यह रिहाई कोर्ट की अगली सुनवाई तक रहेगी।
साथ ही, कोर्ट ने असम और यूपी पुलिस की कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर को एक साथ करने की याचिका पर नोटिस भी जारी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने असम पुलिस और यूपी पुलिस को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की एफआईआर को एक साथ जोड़ने की याचिका पर नोटिस जारी किया। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया।
Supreme Court issues notice to Assam Police & UP Police on Congress leader Pawan Khera's plea seeking clubbing of FIRs. SC says, till the next date of hearing,the petitioner will be released on interim bail by Dwarka court
SC directs Dwarka court to grant interim relief to Khera pic.twitter.com/PyTalWRrAl
— ANI (@ANI) February 23, 2023
वरिष्ठ अधिवक्ता ए. एस. सिंघवी ने पवन खेड़ा का प्रतिनिधित्व करते हुए, सुप्रीम कोर्ट को बताया कि खेड़ा ने माफी मांगी है और वह एक गलती थी। असम पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें(पवन खेड़ा) गिरफ्तार किया है और ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर पवन खेड़ा पर वाराणसी, लखनऊ और असम में एफआईआर दर्ज है।
कांग्रेस सूत्रों का दावा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता के संदर्भ में खेड़ा द्वारा कथित तौर पर की गई टिप्पणी को लेकर असम पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की कुछ धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पहले कांग्रेस ने दावा किया था कि असम पुलिस ने खेड़ा को हिरासत में लिया है। दिल्ली हवाई अड्डे पर मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम में मामला दर्ज हुआ है। कांग्रेस ने खेड़ा को विमान से उतारे जाने को तानाशाही करार दिया है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "पहले ईडी ने रायपुर में छापेमारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के जहाज़ से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमितशाही है।" उन्होंने कहा, मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।"