भाजपा महासचिव (संगठन) अशोक कौल ने कहा कि पार्टी गठबंधन के एजेंडे पर डटी हुई है लेकिन पीडीपी अड़ी हुई है। जम्मू कश्मीर में सरकार गठन पर अनिश्चितता को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कौल ने कहा, हमारी ओर से सकारात्मकता है और हमें दूसरी ओर से भी ऐसा ही महसूस होता है। भाजपा पक्ष की ओर से कोई अनिश्चितता नहीं है। उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा से भाजपा नेताओं की मुलाकात के कुछ घंटे पहले आई। वोहरा ने भाजपा और पीडीपी को सरकार गठन पर अपने-अपने रूख साफ करने के लिए बुलाया है। वोहरा से मुलाकात से पहले राज्य भाजपा के एक कोर समूह की एक महत्वपूर्ण बैठक की गई।
गठबंधन को आगे बढ़ाने के मुद्दे पर पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के कठोर रूख के बाद भाजपा के राज्य के कोर समूह के तीन सदस्यों का पैनल सरकार गठन पर चर्चा के लिए राज्यपाल से मुलाकात करने से पहले कल नई दिल्ली जाकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ विचार विमर्श कर चुका है। यह पिछले 24 घंटों में कोर समूह की दूसरी बैठक होगी। कौल ने कहा, हम मामले पर चर्चा करने के लिए शाम चार बजे कोर समूह की बैठक करेंगे। केंद्रीय नेतृत्व के साथ मुलाकात के लिए नई दिल्ली गया पैनल हमें अपनी बैठक के संबंध में जानकारी देगा। उन्होंने बताया कि बैठक के बाद भाजपा दल इस मामले के संबंध में राज्यपाल से मुलाकात करेगा।
सात जनवरी को मुफ्ती सईद के निधन के बाद जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक संकट गहरा गया था। दिवंगत मुख्यमंत्री की बेटी एवं पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा था कि गठबंधन जारी रखने का निर्णय लेने से पहले वह इस बात का पुनर्मूल्यांकन करेंगी कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार राज्य के कोर राजनीतिक एवं आर्थिक मामलों को सुलझाने के लिए निश्चित समय सीमा में ठोस कदम उठाएगी या नहीं। जम्मू में कल कोर समूह की बैठक के बाद राज्य में भाजपा प्रमुख संत शर्मा ने बताया था कि पीडीपी ने लिखित में कोई ठोस मांग नहीं की है या कोई शर्त नहीं रखी है। राज्यपाल ने दोनों दलों के नेताओं को पत्र लिखकर कहा है कि वह सरकार गठन पर आज अपना रख स्पष्ट करें। राज्य की 87 सदस्यीय विधानसभा में पीडीपी के 27 और भाजपा के 25 विधायक हैं।