लोकसभा में सिख गुरूद्वारा संशोधन विधेयक 2016 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, हर धर्म के लोगों को अपने धर्म को चलाने की स्वतंत्रता है। उन्होंने कहा कि किसी धर्म विशेष के लोग ही यह फैसला ले सकते हैं कि उन्हें अपने धर्म को कैसे चलाना है। सिख समुदाय में से सहजधारियों को एसजीपीसी चुनाव में मतदान से बाहर रखने के प्रावधान संबंधी विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राजनाथ सिंह ने देश की संस्कृति की रक्षा में सिख समुदाय के विशेष योगदान को रेखांकित किया और कहा कि सिख समुदाय के बलिदानों से ही भारतीय संस्कृति आज इतनी फलफूल रही है कि विदेशों तक में इसका प्रसार प्रचार हो रहा है।
उन्होंने इस विधेयक को लाए जाने की पृष्ठभूमि में जाते हुए बताया कि शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) के पदाधिकारियों की ओर से कुछ साल पहले यह शिकायत मिली थी कि जो सिख नहीं होते हैं उन्हें भी मतदाता बना दिया जाता है जिससे समुदाय को खतरा पैदा हो रहा है। राजनाथ सिंह ने कहा कि एसजीपीसी ने भी 2001 अपनी आम सभा में यह प्रस्ताव पारित किया था कि केवल सिखों को ही मतदाता माना जाए।
उन्होंने वर्ष 2004 के एसजीपीसी के चुनावों का हवाला देते हुए बताया कि उस समय केशधारी सिखों की संख्या 54 लाख , सहजधारियों की संख्या 7.96 लाख यानि करीब 12 फीसदी थी। एसजीपीसी के वर्ष 2004 और 2011 के चुनाव में भी सहजधारियों ने मतदान नहीं किया था।