कांग्रेस जीएसटी परिषद की गुरुवार को होने वाली 24वीं बैठक में पेट्रोलियम पदार्थों और रियल एस्टेट को शामिल करने की पार्टी की मांग दोहराएंगी।
पेट्रोलियम पदार्थों की आसमान छूती कीमतों पर चिंता जताते हुए पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने बुधवार को एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि पार्टी ने पेट्रोलियम पदार्थों और रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल करने की पहले भी मांग की थी और कल होने वाली बैठक में उसके शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्री फिर इसी मांग को रखेंगे। पार्टी लगातार सरकार को जीएसटी में सुधार के लिए सुझाव देती रही है और उसके कई सुझावों पर अमल भी हुआ है लेकिन इस बार देश में तेल की कीमतें रिकार्ड स्तर पर पहुंच गयी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने दावा किया था कि जीएसटी के बाद जीडीपी और राजस्व में बढ़ोतरी होगी। मुद्रा स्फीति की दर कम होगी और वस्तुओं के दाम घटेंगे लेकिन सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं। जीएसटी के बाद जीडीपी और राजस्व में कमी आई है और मुद्रा स्फीति की दर बढ़ी है। जीएसटी परिषद की कल होने वाली बैठक का एजेंडा भी कई पेज का दिया गया है जिसे शायद ही कोई पढ़ पाए। पहले भी परिषद की बैठक में इस तरह का एजेंडा आया है और फैसले जल्दबाजी में लिए जाते रहे हैं। कांग्रेस का 2001 का जीएसटी मॉडल कुछ और था और भाजपा का 2014 का जीएसटी मॉडल कुछ अलग हैं जो काफी जटिल है जिसके चलते आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।