प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि पिछले 70 सालों की सरकारें काले धन पर चुप रहीं, क्योंकि उन्हें सत्ता से हाथ धो बैठने का डर था। आगरा में परिवर्तन रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने जन धन खाताधारकों को आगाह किया कि वे अमीरों के गलत तरीके से कमाए पैसे काले से सफेद करने के लिए अपना इस्तेमाल नहीं होने दें, क्योंकि ऐसा करने से वे गैर-जरूरी तरीके से कानूनी पचड़ों में फंस जाएंगे। मोदी ने कहा, मैं जानता हूं कि किस तरह के लोग मेरे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। क्या देश को पता है कि चिटफंड कारोबार में किनके पैसे निवेश किए गए थे। लाखों-करोड़ों लोगों ने चिटफंडों में धन का निवेश किया। लेकिन नेताओं की कृपा से करोड़ों-करोड़ रूपये गायब हो गए। मोदी ने कहा, चिटफंड से हुए नुकसान के कारण सैकड़ों परिवार के मुखिया को खुदकुशी के लिए मजबूर होना पड़ा। इतिहास पर नजर डालें। वे मुझ पर सवाल उठा रहे हैं। गौरतलब है कि ममता नोटबंदी के फैसले के खिलाफ इन दिनों विपक्षी नेताओं को लामबंद करने में जुटी हैं।
हालांकि, प्रधानमंत्री ने किसी नेता का नाम नहीं लिया। पश्चिम बंगाल में चिटफंड घोटालों से जुड़े मुकदमों में तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेता आरोपों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस पर परोक्ष हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, देश कब तक चुप रहेगा। वे 70 साल तक चुप रहे। ऐसा नहीं है कि उन्हें इस बीमारी के बारे में पता नहीं था। उन्हें देश की कम और सत्ता की ज्यादा चिंता थी। इसलिए वे कोई कदम उठाने के लिए तैयार नहीं थे। मोदी ने कहा कि एक तरफ सीमा पार से फैलाए जाने वाले आतंकवाद से थलसेना के जवान मारे जाते हैं और दूसरी तरफ आर्थिक आतंकवाद देश के युवाओं और अर्थव्यवस्था को विनाश की तरफ धकेल रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जाली नोट देश में भेजे जा रहे हैं और नोटबंदी के कारण ड्रग्स एवं अन्य मादक पदार्थों का कारोबार ठहर सा गया है। उन्होंने कहा, नोटबंदी के कारण जाली भारतीय मुद्रा के कारोबार को बड़ा झटका लगा है। सरकार के 500 और 1000 रूपए के पुराने नोट बंद किए जाने के फैसले का हवाला देते हुए मोदी ने कहा कि यह फैसला लोगों को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि गरीबों, हाशिये पर पड़े लोगों और ईमानदार लोगों की मदद के लिए किया गया।