कोयला, पेटोलियम, पर्यावरण तथा वाणिज्य एवं उद्योग जैसे कुछ प्रमुख मंत्रालयों में कैबिनेट मंत्रियों की जगह स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्री कर रहे हैं। ऐसे में इस बैठक को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। एजेंसी के मुताबिक मोदी ने बेंगलूर में होने वाली भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बारे में सुझाव मांगे।
सूत्रों के अनुसार मोदी ने 13 मंत्रियाें से उनके अनुभव जाने और यह पता किया कि क्या उन्हें अपने दायित्वों को निभाने में कोई कठिनाई आ रही है। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सरकार की नीतियों के बारे में लोगों की प्रतिक्रियाएं भी उनसे पूछी। कुछ मंत्रियों ने आगामी बैठक के बारे में अपनी बातें रखीं जिन्हें सामने रखा जाये और पार्टी के प्रस्तावों का अंग बनाया जाये। इनमें राजग सरकार के पिछले साल मई में सत्ता में आने के बाद से विभिन्न मंत्रालयों द्वारा उठाये गये कदम शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने पिछले दस माह से अधिक के शासन के दौरान सरकार द्वारा की गयी विभिन्न पहल के बारे में उन्हें विभिन्न ब्यौरे बताये और उनकी समस्याओं के बारे में पूछा। बैठक में मोदी ने मंत्रियों से कहा कि वे जनता से अपना संपर्क कायम रखे और सरकार की नीतियों एवं कार्यों को उन तक पहुंचाये। इसके अलावा उन्हें जनहित में पारदर्शी तरीके से काम करने की सलाह भी दी गयी।
भाजपा अध्यक्ष की मौजूदगी के बारे में एक मंत्री ने बताया कि पार्टी की कार्यकारिणी की बैठक को लेकर भी चर्चा होनी थी इसलिए अमित शाह मौजूद थे। इसके अलावा चुनाव के समय जनता से जो वादे किए गए थे उसको लेकर भी राय जानी गई कि जनता के बीच क्या प्रतिक्रिया है।