विपक्षी दल ने यह भी दावा किया कि मोदी द्वारा गर्भवती महिलाओं के लिए घोषित वित्तीय सहयोग योजना की शुरूआत वास्तव में संप्रग ने की थी।
नोटबंदी को शुद्धि यज्ञ बताने के लिए प्रधानमंत्री पर प्रहार करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि यह पहल जंगल की बेकाबू आग की तरह है जिसमें कई लोगों की जान जा चुकी है और अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि भाषण में कोई ठोस आंकड़े नहीं दिए गए कि कितना काला धन बाहर हुआ, कि पर्याप्त संख्या में 500 के नोट जारी हुए और को आॅपरेटिव बैंकों पर प्रतिबंध के बारे में जानकारी नहीं दी गई।
चव्हाण ने कहा कि भाषण में नोटबंदी को लेकर कानूनी मुद्दों पर स्पष्टता नहीं थी और नोटबंदी के कारण मरने वाले लोगों के मुआवजे की बात भी नहीं थी।
चव्हाण ने कहा, अर्थव्यवस्था में मौजूद पूरे काले धन को वैध धन में बदला जा चुका है। प्रधानमंत्री जो चाहते थे उसके बिल्कुल उलट।
चव्हाण ने पूछा कि क्या जानबूझकर 500 रूपये के नोट को प्रचलन से बाहर रखने का प्रयास किया गया और आश्चर्य जताया कि क्या मोदी कैशलेस अर्थव्यवस्था की वकालत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, यह हाल के समय में नववर्ष की सबसे निराशाजनक शुरूआत है। प्रधानमंत्री का भाषण अंध देशभक्ति की अपील से भरा हुआ था जिसमें नोटबंदी की तुलना बाहरी आक्रमण से करते हुए इसे राष्ट्रीयता की चाशनी में लपेटा गया। भाषा एजेंसी