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वक्फ बिल पास होने पर बोले पीएम मोदी, 'लंबे समय से हाशिये पर रहे लोगों को सहारा मिलेगा'

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर पहली प्रतिक्रिया दी...
वक्फ बिल पास होने पर बोले पीएम मोदी, 'लंबे समय से हाशिये पर रहे लोगों को सहारा मिलेगा'

संसद से वक्फ संशोधन विधेयक पारित होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर पहली प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'दशकों से वक्फ प्रणाली पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय बन गई थी।' पीएम मोदी ने यह बयान एक्स के माध्यम से दिया है। इसके पहले नेता विपक्ष राहुल गांधी ने एक्स के माध्यम से ही इस बिल का विरोध किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक का संसद के दोनों सदनों से पारित होना सामाजिक-आर्थिक न्याय, पारदर्शिता और समावेशी विकास के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों में एक महत्वपूर्ण क्षण है। इससे खास तौर पर उन लोगों को मदद मिलेगी, जो लंबे समय से हाशिये पर रहे हैं और उन्हें आवाज और अवसर दोनों से वंचित रखा गया है।

पीएम मोदी ने 'एक्स' पर पोस्ट की शृंखला में लिखा, 'दशकों से वक्फ व्यवस्था पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी का पर्याय रही है। इससे खास तौर पर मुस्लिम महिलाओं, गरीब मुसलमानों, पसमांदा मुसलमानों को नुकसान पहुंचा। संसद की ओर से पारित कानून पारदर्शिता को बढ़ावा देंगे और लोगों के अधिकारों की रक्षा भी करेंगे।'

 

उन्होंने आगे लिखा, 'अब हम ऐसे युग में प्रवेश करेंगे जहां ढांचा अधिक आधुनिक और सामाजिक न्याय के प्रति संवेदनशील होगा। व्यापक रूप से हम प्रत्येक नागरिक की गरिमा को प्राथमिकता देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी तरह हम एक मजबूत, अधिक समावेशी और अधिक दयालु भारत का निर्माण भी कर सकते हैं।'

 

राज्यसभा ने बीते दिन किया पारित

इससे पहले बीते दिन यानी 3 अप्रैल को राज्यसभा में वक्फ संशोधन विधेयक यानी यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एम्पावरमेंट एफिशिएंसी एंड डवलपमेंट (उम्मीद) पर 13 घंटे की लंबी चर्चा चली। इसके बाद देर रात 2:30 के बाद उच्च सदन ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी। लोकसभा की तरह उच्च सदन ने भी विपक्ष के सभी संशोधन प्रस्ताव ध्वनिमत से खारिज कर दिए।

लोकसभा से भी मिल चुकी मंजूरी

इससे पहले लोकसभा ने 2 अप्रैल यानी बुधवार रात करीब 1.56 बजे वक्फ संशोधन विधेयक बहुमत से पारित कर दिया था। विधेयक के पक्ष में 288, जबकि विरोध में 232 मत पड़े थे। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। विधेयक अब हस्ताक्षर के लिए राष्ट्रपति के पास जाएगा और सरकार की ओर से अधिसूचित होते ही कानून का रूप ले लेगा।

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