इन दिनों राजधानी दिल्ली के चुनावी दंगल में नेताओं की बयानबाजी का दौर जारी है। राजधानी में 8 फरवरी को विधानसभा की 70 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 11 फरवरी को ऐलान होगा कि इस बार दिल्ली की जनता राजधानी को संवारने के लिए किस पार्टी को पांच साल का मौका देगी। दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभाला हुआ है। रविवार को बाबरपुर में उन्होंने एक चुनावी रैली में नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों पर तंज कसते हुए कहा, 'बटन (ईवीएम) तब इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे।' शाह के इस बयान के बाद अब जदयू नेता प्रशांत किशोर ने भी एक ट्वीट के जरिए अमित शाह को जवाब दिया है।
'8 फरवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा'
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, '8 फरवरी को दिल्ली में ईवीएम का बटन तो प्यार से ही दबेगा। जोर का झटका धीरे से लगना चाहिए ताकि आपसी भाईचारा और सौहार्द खतरे में ना पड़े।' प्रशांत किशोर का यह ट्वीट पार्टी लाइन से हटकर कुछ अलग ही बात बयां कर रहा है।
प्रशांत किशोर के इस बयान को लेकर बिहार की राजनीति में भी हलचल देखी जा सकती है। क्योंकि जदयू एक तरफ जहां एनडीए के गठबंधन में वहां चुनाव लड़ रहा है तो वहीं जदयू के नेता प्रशांत किशोर वहां आम आदमी पार्टी के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ऐेसे में वहां दिलचस्प मुकाबले के बीच प्रशांत किशोर के आज का ट्वीट बिहार में सियासी हलचल पैदा कर सकता है।
जानें क्या बोले थे अमित शाह
बता दें कि अमित शाह ने बीते रविवार दिल्ली के बाबरपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित की गई एक रैली में नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर निशाना साधा था और कहा था 'बटन (ईवीएम) तब इतने गुस्से के साथ दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे, करंट शाहीन बाग के अंदर लगे।'
दिल्ली में मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं भाजपा-जदयू
दरअसल, दिल्ली में भाजपा और जदयू मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। जदयू यहां 2 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बीजेपी की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल ने सीएए के विरोध में चुनाव में नहीं उतरने का फैसला किया है। बीजेपी से गठबंधन पर जदयू नेता पवन वर्मा ने पार्टी प्रमुख नीतीश कुमार को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जाहिर की थी। हाल ही में जदयू ने 20 स्टार प्रचारकों की एक लिस्ट जारी की, जिसमें प्रशांत किशोर और पवन वर्मा का नाम नहीं था। झारखंड में हुए विधानसभा चुनावों में प्रशांत किशोर जदयू के स्टार प्रचारकों की फेहरिस्त में शुमार थे।
दिल्ली के चुनावी मैदान भाजपा-आप-कांग्रेस
बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस बगैर मुख्यमंत्री चेहरे के मैदान में उतरे हैं। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) अरविंद केजरीवाल के चेहरे पर ही चुनाव लड़ रही है। केजरीवाल इस बार भी नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने बीते शुक्रवार से चुनावी प्रचार शुरू किया। वह लगातार दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में रैली और रोड शो कर रहे हैं।
केजरीवाल को एक बार फिर उम्मीद
केजरीवाल को उम्मीद है कि एक बार फिर दिल्ली में उनकी सरकार बनने जा रही है। इस बार दिल्ली नाम पर नहीं बल्कि काम पर वोट करेगी। उन्होंने दावा किया है कि पिछली बार वह 67 सीटें जीते थे और इस बार 70 की 70 सीटें आप को ही मिलेंगी। बीजेपी और कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलेगा।