Advertisement

उप्र में प्रियंका की बाट जोह रहे कांग्रेसियों का बढ़ेगा इंतजार

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का तुरुप का पत्‍ता मानी जा रहीं प्रियंका गांधी के सियासी मैदान में उतरने का बेसब्री से इंतजार कर रहे कांग्रेसियों को अभी कुछ और समय तक इंतजार करना पड़ेगा। पार्टी की अभी तक की रणनीति के तहत अक्टूबर महीने तक प्रियंका के चुनावी अभियान का कोई कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। मगर प्रियंका पार्टी के अभियान को नया तेवर और कलेवर देंगी, यह लगभग तय है।
उप्र में प्रियंका की बाट जोह रहे कांग्रेसियों का बढ़ेगा इंतजार

 

पार्टी सूत्रों के अनुसार देवरिया से दिल्ली तक की राहुल गांधी की किसान यात्रा के बाद ही प्रियंका के कार्यक्रमों की दशा और दिशा तय होगी। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की चुनावी रणनीति और प्रबंधन का जिम्मा संभाल रही प्रशांत किशोर की टीम ही प्रियंका के कार्यक्रम की शुरुआती रूपरेखा बनाने पर काम कर रही है। लेकिन, उनके चुनावी अभियान में उतरने का फैसला राहुल की यात्र समाप्त होने के बाद उसके सियासी आकलन के आधार पर होगा।

कांग्रेस उपाध्यक्ष की किसान यात्र सितंबर के आखिर तक पूरी होनी है। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सेहत के मद्देनजर भी राहुल और प्रियंका एक साथ दिल्ली से बाहर नहीं जाना चाहते। चूंकि राहुल इस समय अपनी सबसे लंबी राजनीतिक यात्रा पर हैं। इसलिए प्रियंका के समानांतर कार्यक्रम की कोई गुंजाइश नहीं है। इसके बाद अक्टूबर के पहले पखवाड़े में नवरात्रि-दशहरा के दौरान भी कोई कार्यक्रम नहीं रखा जाएगा। ऐसे में संकेत साफ हैं कि प्रियंका के चुनावी अभियान का कार्यक्रम त्योहारों के बाद ही बनेगा।

उत्तर प्रदेश के कांग्रेसी काफी अर्से से प्रियंका के सक्रिय रूप से मैदान में उतरने की मांग करते आ रहे हैं। उनका मानना है कि पिछले 27 साल से उत्तर प्रदेश में हाशिए पर खड़ी पार्टी को संबल देने के लिए प्रियंका को मोर्चा संभालना ही होगा। पीके की टीम को भी शुरूआत में ही यह फीडबैक मिल गया था। तभी से प्रियंका की सक्रिय भूमिका में उतरने की चर्चाएं भी शुरू हुई।

उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए पार्टी के मीडिया इंचार्ज राजीव शुक्ल भी इस बात को मानते हैं कि कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ता चाहते हैं कि प्रियंका सक्रिय भूमिका निभाएं। हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि सक्रिय भूमिका में कब और कैसे उतरना है, यह निर्णय प्रियंका को ही करना है। प्रदेश चुनाव अभियान समिति के उपाध्यक्ष जितिन प्रसाद के अनुसार प्रियंका गांधी के लिए उप्र कोई नई जगह नहीं है।

अमेठी और रायबरेली में वे पहले से काम करती रही हैं और कार्यकर्ता चाहते हैं कि वे पूरे प्रदेश में सक्रिय भूमिका निभाएं। जितिन भी इस बात को दोहराते हैं कि प्रियंका गांधी के इस सक्रिय भूमिका में उतरने का फैसला अंतत: उन्हें और हाईकमान को करना है। प्रियंका के उत्तर प्रदेश के मैदान में उतरने में राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदे की जांच के रोड़ा बनने की बात से कांग्रेस के शीर्ष नेता इनकार कर रहे है।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad