आरक्षण को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी और बाद में उस पर संघ की सफाई पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मामले को देखकर लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारों का सम्मान नहीं करते हैं। दरअसल, संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा, 'तो आरआरएस ने घोषणा कर दी है कि समाज में सभी मुद्दों का समाधान सौहार्दपूर्ण संवाद के माध्यम से होना चाहिए?' मुझे लगता है कि या तो मोदी जी और उनकी सरकार आरएसएस के विचारों का सम्मान नहीं करते या फिर या फिर यह नहीं मानते हैं कि जम्मू-कश्मीर में कोई मुद्दा है।'
मोहन भागवत ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कथित तौर पर कहा था कि जो आरक्षण के पक्ष में हैं और जो इसके खिलाफ हैं उन लोगों के बीच इस पर सौहार्द्रपूर्ण माहौल में बातचीत होनी चाहिए। कांग्रेस के हमले और विवाद खड़ा होने के बाद आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सरसंघचालक मोहन भागवत के दिल्ली में एक कार्यक्रम में दिए गए भाषण के एक भाग पर अनावश्यक विवाद खड़ा करने का प्रयास किया जा रहा है।
कांग्रेस ने साथा था निशाना
कांग्रेस ने सोमवार को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा था कि आरएसएस-भाजपा का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "गरीबों के अधिकारों पर हमला, संवैधानिक अधिकारों को रौंदना, दलितों-पिछड़ों के अधिकारों को छीनना। यह असली भाजपाई एजेंडा है।" उन्होंने आगे कहा, "आरएसएस-बीजेपी का दलित-पिछड़ा विरोधी चेहरा उजागर हुआ है। गरीबों के लिए आरक्षण खत्म करने और संविधान को बदलने की साजिश बेनकाब।"