कैप्टन ने बताया, राज्य चुनाव कमेटी के सभी 34 सदस्यों ने अपनी अपनी पसंद बता दी है जिसका आकलन किया जा रहा है। इसे केंद्रीय चुनाव कमेटी की मीटिंग में रखा जाएगा और केंद्रीय कमेटी हर सीट पर दो उम्मीदवारों के नाम कांग्रेस प्रधान सोनिया गांधी को भेजेंगी जिन सीटों पर केवल एक ही नाम है उनमें उम्मीदवार वही होंगे। उन्होंने बताया कि कुछ विधायकों की सीटें बदली भी जा सकती हैं।
इसी बीच परगट सिंह के भी कांग्रेस में शामिल होने की सुगबुगाहट है जिन्हें नकोदर या शाहकोट से मैदान में उतारा जा सकता है। नकोदर सीट पर कांग्रेसी दिग्गज और पूर्व मंत्री अमरजीत समरा लड़ते हैं लेकिन वह काफी समय से बीमार चल रहे हैं। शाहकोट सीट पर सीडी सिंह कंबोज आम आदमी पार्टी का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में इन दोनों सीटों पर कांग्रेस को नए उम्मीदवार की तलाश है। परगट यदि कांग्रेस में शामिल हुए तो उन्हें इन दोनों में से एक सीट पर उतारा जा सकता है।
सूत्रों की मानें तो जैतो आरक्षित सीट के विधायक जोगिंदर सिंह पंजगराईं को मलोट या निहाल सिंह वाला में बदला जा सकता है। मलोट में पार्टी के उम्मीदवार नत्थूराम के बल्लुआणा सीट पर लड़ने पूरी उम्मीद है । हालांकि इस सीट पर उन्हें भीम कांड संघर्ष कमेटी के कनवीनर गोपीराम सांधर टक्कर दे रहे हैं। वर्ष 2012 के चुनाव में इस सीट पर उतरे गिरीराज राजौरा आप में चले गए थे 2007 में लड़े प्रकाश सिंह भट्टी ने अकाली दल का दामन थाम लिया है। बठिंडा ग्रामीण सीट जिस कॉमरेड मक्खन सिंह लड़ते थे पर इस बार बदलाव किया जाएगा क्योंकि वह काफी बीमार हैं। भुच्चो आरक्षित सीट से अजायब सिंह भट्टी के भी बदले जाने की संभावना है।
दोआबा की फिल्लौर सीट अकाली दल से आए सरवण सिंह फिल्लौर को मिल सकती है। हालांकि उन्हें करतारपुर से भी उतारने की बात चल रही है लेकिन यह सीट चौधरी परिवार अपने पास ही रखना चाहता है। 2012 के चुनाव में कांग्रेस ने चौधरी जगजीत सिंह को उतारा था। उनका निधन होने के बाद उनके परिवार में उनका भतीजा बिक्रम चौधरी इस टिकट का प्रबल दावेदार है। बिक्रम पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रह चुके हैं।