पंजाब और राजस्थान की तरह छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में गुटबाजी जगजाहिर है। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई में लंबे समय से चल रही गुटबाजी को खत्म करने के प्रयास के तहत पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव से मुलाकात की।
बघेल और सिंहदेव मंगलवार को सुबह राहुल गांधी के आवास 12 तुगलक लेन पहुंचे। इस बैठक के दौरान कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल और पार्टी के छत्तीसगढ़ मामलों के प्रभारी पीएल पूनिया भी मौजूद थे।
सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दोनों नेताओं ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। बैठक करीब तीन घंटे तक चली। सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी ने राज्य नेतृत्व में मतभेदों को दूर करने के अपने प्रयास में दोनों नेताओं को धैर्यपूर्वक सुना, सूत्रों ने कहा कि आने वाले दिनों में पार्टी के वरिष्ठ नेतृत्व के साथ कुछ और बैठकें होने की संभावना है।
पुनिया ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उनकी बैठक में राज्य के विकास के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा हुई थी। बघेल और सिंहदेव ने कहा है कि वे पार्टी आलाकमान के फैसले का पालन करेंगे।
सिंह देव ने बैठक से पहले संवाददाताओं से कहा, "सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमारे नेता हैं और वे जो भी कहेंगे हम उसका पालन करेंगे।" बघेल ने यह भी कहा है कि नेतृत्व जो भी फैसला करेगा उसका पालन किया जाएगा। इस मुद्दे पर दोनों जहां पहले राहुल गांधी से मिल चुके हैं, वहीं बघेल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिल चुके हैं।
कांग्रेस आलाकमान छत्तीसगढ़ में पार्टी के भीतर चल रही गुटबाजी को जल्द खत्म करना चाहता है और यह बैठक इसी प्रयास के तहत हुई है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए, हालांकि कांग्रेस आलाकमान ने बघेल को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कोई संकेत नहीं दिया है।
पिछले दिनों बघेल गुट और सिंहदेव गुट के बीच मतभेद उस समय और बढ़ गये जब कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पर आरोप लगाया था कि वह उनकी हत्या करवाकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं। बृहस्पति सिंह को मुख्यमंत्री बघेल का करीबी माना जाता है।