नोटबंदी के मुद्दे को लेकर राहुल गांधी के प्रधानमंत्री पर किए करारे हमले की पृष्ठभूमि में हुई इस बैठक के दौरान कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने ऋण माफी, बिजली का बिल घटाकर आधा करने और खेती के उत्पाद के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लाभ समेत किसानों की मांगों पर मोदी को एक ज्ञापन सौंपा।
इस शिष्टमंडल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, दोनों सदनों में उपनेता आनंद शर्मा और ज्योतिरादित्य सिंधिया, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह और उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर शामिल थे।
बैठक के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि मोदी ने उन्हें धैयपूर्वक सुना लेकिन कोई वादा नहीं किया। उन्होंने कहाकि हमलोग, कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने देश में किसानों की दुर्दशा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। पंजाब में हर रोज एक किसान खुदकुशी करता है। देशभर में किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
राहुल ने कहा कि सरकार ने गेंहू पर आयात शुल्क हटा लिया है। यह एक बहुत बड़ा झटका है। इसलिए हम देश के किसानों की ओर से प्रधानमंत्री से ऋण माफी के लिए अनुरोध करने गए थे। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने यह स्वीकार किया कि किसानों के हालात गंभीर है, लेकिन ऋण माफी पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। हाल में नोटबंदी के मुद्दे पर आक्रामक हुए राहुल प्रधानमंत्री पर अक्सर निशाना साधते रहे हैं। उन्होंने बुधवार को दावा किया था कि उनके पास प्रधानमंत्री के कथित निजी भ्रष्टाचार के संबंध में सूचना है लेकिन भाजपा ने इसे मजाक बताते हुए राहुल के आरोपों को खारिज कर दिया था।
उत्तर प्रदेश में होने जा रहे चुनाव के मद्देनजर अपनी हाल की देवरिया से दिल्ली यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने किसानों के मुद्दे को उठाया था। कांग्रेस ने समूचे उत्तर प्रदेश से दो करोड़ और पंजाब से 34 लाख से अधिक किसान मांग पत्र एकत्रित किए थे। पंजाब में भी अगले साल चुनाव होने हैं।
राहुल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की यात्रा के दौरान किसानों ने अपनी तीन मांगें सामने रखी थीं- ऋण माफी, बिजली बिल की कटौती कर उसे आधा करने और उनके उत्पाद के लिए एमएसपी का लाभ। (एजेंसी)