भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के ड्राफ्ट का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य दलों द्वारा किए जा रहे विरोध को गलत बताया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि राहुल गांधी को देश की सुरक्षा के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों पर अपना रुख साफ करना चाहिए। शाह ने कहा कि घुसपैठियों को बढ़ावा देकर वह किस प्रकार देश की सुरक्षा करेंगे।
उन्होंने ने कहा कि जब हम विपक्ष में थे तब भी हमारा स्पष्ट मानना था कि बांग्लादेशी घुसपैठियों का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और आज भी हमारा यही स्टैंड है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस वोट बैंक की राजनीति के लिए एनआरसी की प्रक्रिया पर सवाल उठा रही है। उन्होंने कहा कि मुझे बड़े दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि भाजपा और बीजू जनता दल (बीजद) के अलावा किसी भी पार्टी ने यह कहना उचित नहीं समझा है कि हमारे देश में घुसपैठियों का कोई स्थान नहीं है। शाह ने कहा कि विपक्षी दलों के द्वारा देश में भाजपा की छवि को धूमिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि एनआरसी तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के समय हुए असम समझौते की आत्मा है। इस समझौते में व्याख्या की गई है कि एक-एक अवैध घुसपैठिए को चुनकर देश की मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा।
शाह ने कहा कि पिछले दो दिनों से देश में एनआरसी के ऊपर बहस चल रही है और यह कहा जा रहा है कि 40 लाख भारतीयों नागरिकों को अवैध घोषित कर दिया गया है जबकि वास्तविकता है कि प्राथमिक जांच होने के बाद जो भारतीय नहीं है उनके नाम एनआरसी से हटाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 40 लाख का आंकड़ा कोई अंतिम आंकड़ा नहीं है, सुप्रीम कोर्ट के संरक्षण में पूरी जांच की जाएगी और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।