लोकसभा में आज राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष ने पीएम मोदी पर ताबड़तोड़ प्रहार किया। राहुल ने आरोप लगाया कि आतंकवाद के मुद्दे पर संप्रग सरकार ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग कर दिया था। राहुल ने दावा किया, हमने पाकिस्तान को जिस पिंजरे में डाल दिया था, उससे उन्होंने उसे निकाल दिया। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अकेले ही हमारे प्रयासों को समाप्त कर दिया। हमारे तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सेना, राजनयिकों, खुफिया तथा अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञों और यहां तक कि विपक्ष को भी साथ लेकर पाकिस्तान को अलग-थलग करने का काम किया था। लेकिन मोदीजी ने क्या किया? बिना सोचे समझे और बिना विजन के नवाज शरीफ के साथ चाय पर चर्चा करने चले गए। राहुल ने कहा, ऐसा करके मोदी ने न सिर्फ पाकिस्तान को एक सम्मान दिया बल्कि राष्ट्र ध्वज का भी अपमान किया है।
राहुल ने आरोप लगाया कि यह कदम उठाने से पहले मोदी ने किसी से पूछना भी सही नहीं समझा। न सेना से, न कूटनीतिकों और न राजनयिकों से और शायद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से भी नहीं। राहुल ने कहा प्रधानमंत्री के पास अभी भी विकल्प हैं कि वह इस मामले में दूसरों के विचारों को भी सुनें। राजनाथ सिंह की सुनें, सुषमा स्वराज की सुनें, अपने सांसदों की सुनें और हमारी भी सुनें जो कि दुश्मन नहीं हैं। प्रधानमंत्री पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान उन्होंने काला धन लाने का वादा किया था लेकिन उनकी सरकार फेयर एंड लवली योजना ले कर आई है जो काले धन को गोरा कर सकती है। अरूण जेटली जी को टैक्स दीजिए और काला धन सफेद कर लीजिए। राहुल ने कहा कि वित्त मंत्री अरूण जेटली द्वारा बजट पेश करते समय काले धन को गोरा करने की जब इस फेयर एंड लवली योजना को उन्होंने सुना तो वह हिल गए।
राहुल ने नगालैंड समझौते पर भी मोदी के दावों पर व्यंग्य करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक दिन बताया कि नगालैंड समझौता कर लिया गया है। उन्होंने कहा, यह सुन कर कांग्रेस अध्यक्ष घबरा गईं और मुझसे पूछा कि राहुल, क्या कल नगालैंड के सीएम ने इस समझौते के बारे में कुछ नहीं बताया। राहुल ने कहा कि नगालैंड के मुख्यमंत्री से पूछे जाने पर उन्होंने अनभिज्ञता जताई और कहा कि नगालैंड, अरूणाचल प्रदेश और त्रिपुरा आदि से मिल कर समझौता हो सकता है क्योंकि इसमें उनकी भूमि भी आती है। उन्होंने कहा कि मोदी ने सोनिया गांधी को जिस नगालैंड समझौते के बारे में बताया उसकी जानकारी गृह मंत्रालय, आईबी और नगालैंड के सीएम तक को नहीं थी। राहुल ने सवाल किया कि अब वह नगालैंड समझौता कहां गया जिसका मोदी जी ने दावा किया था। क्या वह हवा में उड़ गया, बाय बाय हो गया।
राहुल ने यूगोस्लाविया के पूर्व राष्ट्रपति मिलोसेविच और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति याहया खां का उल्लेख करते हुए कहा कि ये दोनों ही अपने-अपने देशों के राष्ट्र ध्वजों को रोज सैल्यूट करते थे लेकिन न तो मिलोसेविच अपने देश के लोगों की भावनाओं का आदर कर पाए और न ही याहया खां अपने तब के देश में पंजाबी और बंगालियों की भावनाओं का आदर कर पाए। नतीजा यह हुआ कि दोनों ही देश टूट गए।
नगा समझौते पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राहुल गांधी के दावे का खंडन किया। उन्होंने पीएम पर राहुल के लगाए आरोपों को खारिज करते हुए कहा, नगा शांति प्रक्रिया पर मेरी प्रधानमंत्री से कई दौर की बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि नगा शांति समझौते पर लोकसभा में राहुल गांधी का बयान पूरी तरह असत्य और बेबुनियाद है।