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संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

कांग्रेस पार्टी जहां एनडीए सरकार को संसद के अंदर घेरने में जुटी है वहीं पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद के बाहर भी मोर्चा खोल दिया है। यह मोर्चा उन्होंने दक्षिण भारत में खोला है जहां वह आम लोगों के बीच सरकार के खिलाफ निशाना साध रहे हैं। गुरुवार से शुरू हुआ उनका दक्षिण भारत अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। शुक्रवार को उन्होंने आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में विवादास्पद भूमि विधेयक को लेकर राजग सरकार पर निशाना साधा।
संसद के बाहर भी सरकार को घेरने में जुटे राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों की भूमि आसानी से नहीं लेने देंगे। संसद में गतिरोध खत्म करने के वास्ते भूमि विधेयक में संशोधन कर राज्यों को अपना कानून तैयार करने की छूट देने के सरकार के कदम का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि किसानों ने जब अपनी ताकत दिखाई तो प्रधानमंत्री समझ गए कि वह किसानों पर जोर नहीं चला सकते।

उन्होंने कहा, हमने तो भारत के किसानों की 10 फीसदी ताकत भी नहीं दिखाई और अचानक प्रधानमंत्री को समझ आ गया कि वह देश के किसानों पर जोर नहीं चला सकते। अपनी पदयात्रा के दौरान एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, अलिखित वादा...वादा जो कि प्रधानमंत्री ने नहीं बताया, कि उन्होंने अपने दोस्तों से कहा है कि वह किसानों से जमीन ले लेंगे।

राहुल ने किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों के सामने आने वाली समस्याओं को उठाने के लिए आज 10 किलोमीटर लंबी पदयात्रा की शुरुआत जिले के एक गांव से की। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने संसद में एक रुख अपनाया है और वह प्रधानमंत्री को इतनी आसानी से किसानों की भूमि नहीं लेने देगी। कांग्रेस और इस देश के किसानों ने प्रधानमंत्री को अपनी थोड़ी ताकत दिखाने का फैसला कर लिया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने यह भी कहा कि किसानों के संघर्ष के बाद प्रधानमंत्री ने अपना मन बदल लिया। कांग्रेस ने किसानों के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा, कांग्रेस किसानों के लिए लड़ी। हम सरकार और प्रधानमंत्री से लड़े। और प्रधानमंत्री तथा सरकार ने भूमि विधेयक के बारे में अपना मन बदल लिया। राहुल ने कहा कि कांग्रेस किसी से नहीं डरती है।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं। कांग्रेस नेता ने राज्य के विशेष दर्जे और पोलावरम परियोजना के लिए नहीं लड़ने पर मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू नीत सरकार और विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, मैं प्रधानमंत्री के सारे इरादे जानता हूं। लेकिन इस राज्य के मुख्यमंत्री और दूसरी पार्टी का इरादा नहीं जानता। मुझे समझ में नहीं आता कि ये पार्टियां विशेष दर्जे के लिए क्यों नहीं लड़ती। मुझे समझ नहीं आता कि दोनों पार्टियां पोलावरम के लिए क्यों नहीं संघर्ष करतीं। राहुल ने कहा कि कांग्रेस आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे और पोलावरम परियोजना के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

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