कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा सजा सुनाए जाने के मामले को भारतीय न्यायापालिका के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ करार देते हुए बुधवार को उम्मीद जताई कि ऊपरी अदालत में यह निर्णय बदलेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जो पैमाना राहुल गांधी के मामले में लागू किया गया है, अगर वही सभी मामलों में लागू कर दिया जाए तो संसद खाली हो जाएगी।
शर्मा ने कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस ढंग से फैसला आया और जिस तेजी से सदस्यता खत्म कर दी गई, वो कोई अच्छा संदेश नहीं है। अगर यही पैमाना सब पर लागू कर दिया जाए तो संसद खाली हो जाएगी।’’ उन्होंने कहा कि निर्णय गलत था, वो निर्णय बदला जरूर जाएगा। कांग्रेस नेता ने कहा कि यह मामला भारतीय न्यायापालिका के लिए ‘अग्निपरीक्षा’ है।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा वर्ष 2019 के मानहानि के एक मामले में सजा सुनाये जाने के मद्देनजर पिछले दिनों लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया गया था। वह केरल के वायनाड लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।
शर्मा ने सरकार से सवाल किया, ‘‘क्या भारत की संसद में सरकारों ने पहले आलोचना का सामना नहीं किया था? क्या पहले के प्रधानमंत्रियों ने जेपीसी नहीं बनाई थी?’’
उन्होंने कहा, ‘‘भारत के अंदर दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है। आज ऐसा समय है जब सरकार खुद ही संसद नहीं चलने दे रही है। यह बड़ा सैद्धांतिक विषय है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं। केवल बड़ी इमारत खड़ी कर देने से प्रजातंत्र मजबूत नहीं होता।’’
राज्यसभा सदस्य के रूप में अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद भी सरकारी आवास में रहने से जुड़े सवाल पर शर्मा ने कहा, ‘‘किसी सांसद का कार्यकाल खत्म होने के बाद आवास की सुविधा अधिकृत रूप से दी जाती है, उसके नियम हैं। मैं जिस घर में रह रहा हूं, वहां अधिकृत रूप से रह रहा हूं। मैं अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद मार्केट रेट पर किराया देकर रह रहा हूं।’’
उन्होंने देश में बेरोजगारी की स्थिति पर चिंता जताते हुए दावा किया, ‘‘मार्च महीने में निर्माण उद्योग में 95 लाख रोजगार घट गये। औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 72 लाख रोजगार घटे। रिटेल क्षेत्र में करीब 65 लाख रोजगार कम हुए। मार्च में बेरोजगारी दर का आंकड़ा हम सबने देखा लेकिन अब सवाल है कि सरकार ने क्या कदम उठाए?’’