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एनआरसी मामले पर हंगामे के बाद राज्यसभा स्थगित, दूसरे दिन भी नहीं बोल सके अमित शाह

एनआरसी के मसले पर विपक्ष सरकार के लिए लचीला रवैया अपनाने के मूड में नहीं है तथा सदन में कामकाज नहीं...
एनआरसी मामले पर हंगामे के बाद राज्यसभा स्थगित, दूसरे दिन भी नहीं बोल सके अमित शाह

एनआरसी के मसले पर विपक्ष सरकार के लिए लचीला रवैया अपनाने के मूड में नहीं है तथा सदन में कामकाज नहीं चलने दे रहा है। इस मुद्दे पर सदन में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दूसरे दिन भी नहीं बोलने दिया गया। वह जैसे ही बोलने उठे तो हंगामा शुरु हो गया। दोपहर को गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जब सरकार का पक्ष रखना चाहा तो उन्हें भी सांसदों ने बोलने नहीं दिया जिस पर राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, लोकसभा में भी इस मुद्दे को लेकर काफी हंगामा हुआ।  

बुधवार को राज्‍यसभा में सभापति वैंकेया नायडू ने जैसे ही अमित शाह से एनआरसी मुद्दे पर कल दिए जा रहे उनके बयान को पूरा करने को कहा, वैसे ही सदन में हंगामा हो गया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्‍थगित कर दी गई। कुछ सांसद विरोध प्रदर्शन करते हुए वेल में आ गए थे। इस पर नायडू ने नाराजगी जताते हु एकहा कि मैं आशा करता हूं कि ऐसा फिर नहीं होगा और सदन की कार्यवाही ठीक से चलेगी। दोबारा जब कार्यवाही शुरू हुई तो सदस्यों ने फिर हंगामा शुरु कर दिया और राजनाथ सिंह भी सरकार का पक्ष नहीं रख पाए जिसके चलते कार्यवाही अगले दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा में कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने कहा कि कल एक सदस्य की ओर से कहा गया कि राजीव गांधी के बाद किसी भी प्रधानमंत्री में असम समझौता लागू कराने की हिम्मत नहीं थी, यह बयान घोर निंदनीय है। उन्होंने शर्मा ने कहा कि बयान से पूर्व पीएम वाजपेयी का भी अपमान हुआ है और इस बयान को सदन की कार्यवाही से बाहर निकाला जाए।

असम के एनआरसी ड्राफ्ट पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा में जीरो-ऑवर नोटिस दिया। वहीं, टीडीपी के सांसदों का आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्‍य की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। बुधवार को भी तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) सांसदों ने संसद परिसर में गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।

 भाजपा नेता रूपा गांगुली ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से पूछा है कि क्या उन्हें इस बात की जानकारी है कि बंगाल में अवैध तरीके से घुसपैठिए रह रहे हैं और बंगाल में जो हो रहा है क्या वो सिविल वार नहीं है? क्या वो जानती हैं कि हर दूसरे दिन भाजपा के कार्यकर्ता को मारा जा रहा है।

ममता बनर्जी के गृह युद्ध वाले बयान पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखना एक मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी है। उनके गृह युद्ध वाले बयान की मैं निंदा करता हूं।

 

कांग्रेस के असम प्रमुख रिपुन बोरा ने ममता के गृहयुद्ध वाले बयान पर कहा, ममता बनर्जी को मुख्यमंत्री रहते हुए गृहयुद्ध के लिए उकसाना नहीं चाहिए। हम इस बयान की निंदा करते हैं। इसका असम पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि वहां शांति है।

बता दें कि ममता ने चेतावनी देते हुए कहा था कि एनआरसी की वजह से देश में रक्तपात और गृह युद्ध छिड़ जाएगा।

इससे पहले मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बयान पर संसद में जबरदस्त हंगामा हुआ था, जिस कारण राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर में कई बार स्थगित करनी पड़ी थी। उन्होंने सदन में अपने में कहा था कि असम समझौता 1985 में राजीव गांधी लाए थे और एनआरसी उसी में था। कांग्रेस में इसे लागू कराने की हिम्मत नहीं थी, पर हमने इसे अमल कर के दिखाया है।

 

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