कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर 15 हजार करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप लगाकर मानहानि केस में फंसी उमा भारती इस मामले पर भी खुलकर बोलीं। भोपाल प्रवास के दौरान उमा ने कहा कि मैं इस मामले में दिग्विजय सिंह के कहने पर माफ़ी नहीं मांगूंगी। मैं कोर्ट का सम्मान करती हूंं और उसी के आदेश का पालन करूंगी। उमा भारती ने ये बात इसलिए कही, क्योंकि दिग्विजय सिंह ने कहा था कि यदि उमा सार्वजानिक रूप से सबके सामने मुझसे माफ़ी मांगती हैं तो मैं मानहानि का केस वापस ले लूंंगा। उमा ने दिग्विजय की इसी बात का जबाव दिया।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही भोपाल सीजेएम कोर्ट ने उमा भारती के खिलाफ मानहानि के प्रकरण में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था, हालांंकि वारंट जारी होने के कुछ ही देर के बाद रिविजन याचिका पर सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी वारंट पर कोर्ट ने स्थगित कर दिया था। इस मामले में सीजेएम भू भास्कर यादव ने वारंट जारी किया था।
वारंट जारी करते हुए कोर्ट ने कहा था कि 'आम जनता न्यायालयों पर ये आक्षेप लगाती है कि तारीख पर तारीख मिलती है। किंतु एक वर्ष से स्वयं अभियुक्त न्यायालय को उपस्थित होने तारीख पर तारीख दे रही है। ऐसे अभियुक्त के साथ किसी भी प्रकार की सहानभूति न्याय व्यवस्था को विफल करने वाली है। इसलिए उनका हाजिरी माफी आवेदन खारिज किया जाता। चूंकि, अभियुक्त कैबिनेट मंत्री हैं और छोटे अधिकारी उन्हें गिरफ्तार करने से डरेंगे, इसलिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के माध्यम से वारंट को तामिल कराया जाए'।