नए कृषि कानूनों को लेकर सत्तारूढ़ दल भाजपा पर विपक्षी दल हमलावर है। देश भर में इस कानून के खिलाफ किसानों समेत कई राजनीतिक पार्टियों का प्रदर्शन जारी है। इस बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कृषि कानून को लेकर जब आप अपनी मंत्री को नहीं समझा पाए तो किसानों को क्या समझाएंगे।
सचिन पायलट ने सवालिया लहजे में कहा, इस कानून की मांग किसने की थी? या तो किसान कहते कि हमारी ये मांग है तो आप उसकी मांग को पूरा करते। जब आप अकाली दल की कैबिनेट मंत्री को समझा नहीं पाए। आप किसानों को क्या समझा पाएंगे।
कांग्रेस नेता ने राज्यसभा में बिल पारित होने की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बिल पारित करते हुए जिस प्रक्रिया का पालन किया गया उससे पता चलता है कि केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं था। जब राज्यसभा में वोटरों का विभाजन मांगा गया तब उपसभापति ने इसे अनसुना कर जबरदस्ती से बिल पारित करवाया।
गौरतलब है कि कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल मोदी सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि क्षेत्र के कानूनों का विरोध कर रहे हैं, उनका आरोप है कि ये "किसान विरोधी उपाय" हैं और कृषि क्षेत्र को "नष्ट" करेंगे। हालांकि, सरकार ने जोर देकर कहा है कि नए कानून किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करेंगे और उन्हें अपनी उपज को कहीं भी बेचने की अनुमति देंगे, जहां वे उचित मूल्य चाहते हैं।