कांग्रेस विधायक गिरिराज सिंह मलिंगा ने सोमवार को आरोप लगाया कि बागी नेता सचिन पायलट ने राज्यसभा चुनाव से पहले 35 करोड़ रुपये की पेशकश की। मलिंगा ने यह भी दावा किया कि उन्होंने पायलट के "प्रस्ताव" को अस्वीकार कर दिया था और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सूचित किया था। हालांकि पायलट ने इन आरोपों का खंडन किया है।
मलिंगा ने कहा, "सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत करने के लिए 35 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। यह बैठक उनके आवास पर हुई थी। उन्होंने राज्यसभा चुनाव से पहले प्रस्ताव पेश किया और मुझसे पक्ष बदलने की मांग की। दिसंबर में भी इसी तरह की पेशकश की गई थी। मैंने उन्हें मना कर दिया और अशोक गहलोत को सूचित किया। ”
उन्होंने कहा कि वह विधायक के रूप में इस्तीफा देने के बाद भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल नहीं होंगे।
उन्होंने पूछा, "मैं अपने क्षेत्र के लोगों का सामना कैसे करूंगा? मैं उन्हें क्या बताऊंगा?"
मलिंगा 2009 में बसपा के उन विधायकों में से थे, जिनका कांग्रेस में विलय हो गया था। उन्हें 2013 और 2018 में धौलपुर में बारी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर फिर से चुना गया था। धौलपुर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का गढ़ है।
वहीं सचिन पायलट ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मैं दुखी हूं, लेकिन मेरे खिलाफ लगाए जा रहे ऐसे आधारहीन, संगीन आरोपों पर आश्चर्यचकित नहीं हूं। उन्होंने कहा की यह पूरी तरह से मुझे बदनाम करने और राजस्थान के पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कांग्रेस के सदस्य और विधायक के रूप में उठाई गई वैध चिंताओं से ध्यान हटाने के लिए किया गया है। इस प्रयास का उद्देश्य मुझे बदनाम करना और मेरी विश्वसनीयता पर हमला करना है।
गौरतलब है कि 12 जुलाई को पायलट के कांग्रेस से बगावत के बाद राजस्थान एक राजनीतिक संकट में आ गया, कांग्रेस ने बाद में उन्हें उपमुख्यमंत्री के रूप में हटा दिया और पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख के रूप में भी।