कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय राजधानी में विकास की भावना को वापस लाने की लड़ाई होगी। बता दें कि दीक्षित को कांग्रेस ने आप सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नई दिल्ली सीट से उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि सभी चुनाव चुनौतीपूर्ण होते हैं।
उन्होंने पीटीआई वीडियोज से कहा, "कोई भी चुनाव एक चुनौती है और खासकर अगर यह मुख्यमंत्री की सीट हो। हालांकि, वह (केजरीवाल) चुनाव लड़ेंगे या नहीं, यह आप को तय करना है। हमारे लिए चुनौती किसी व्यक्ति के खिलाफ लड़ना नहीं है।"
पूर्वी दिल्ली की पूर्व सांसद दीक्षित ने कहा कि 10 साल पहले दिल्ली की जनता ने एक नई पार्टी को मौका देने का फैसला किया था।
उन्होंने दावा किया, ‘‘हम यह स्पष्ट रूप से कह रहे थे कि झूठा माहौल बनाकर कांग्रेस को (दिल्ली में) सत्ता से हटाया गया। हालांकि, 10 साल बाद यह स्पष्ट हो गया है कि नई पार्टी का वास्तविक काम, स्वच्छ राजनीति और अच्छे व्यवहार से कोई लेना-देना नहीं है।’’
दीक्षित ने आरोप लगाया कि यह भी स्थापित हो गया है कि पार्टी को एक विकसित राज्य मिला और उसने सात से 10 साल में उसे बर्बाद कर दिया। उन्होंने कहा, "इसलिए, हमारे लिए यह दिल्ली में विकास की भावना को वापस लाने और जन कल्याण के बारे में सोचने वाली सरकार को वापस लाने की लड़ाई होगी।"
कांग्रेस ने फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए गुरुवार को 21 उम्मीदवारों की अपनी पहली सूची जारी की, जिसमें शहर प्रमुख देवेंद्र यादव को बादली से, पूर्व शहर प्रमुख चौधरी अनिल कुमार को पटपड़गंज से, राष्ट्रीय प्रवक्ता रागिनी नायक को वजीरपुर से, दिल्ली के पूर्व मंत्री हारून यूसुफ को बल्लीमारान से और आदर्श शास्त्री को द्वारका से मैदान में उतारा गया है।
70 सदस्यीय विधानसभा में नई दिल्ली सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले केजरीवाल ने 2013 में इसी सीट से दीक्षित की मां और तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित को हराया था।