नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को अनुच्छेद 370, टारगेट किलिंग, फिल्म कश्मीर फाइल्स, कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा, परिसीमन की रिपोर्ट और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी को घेरा। जम्मू में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उमर अब्दुल्ला ने बीजेपी पर निशाना साधा।
उमर अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि जम्मू कश्मीर में हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे हैं। लोग अपने घरों और कार्यालयों में भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। लगातार एक के बाद एक निर्दोष लोगों की हत्या हो रही है। अल्पसंख्यक, पुलिसकर्मी और आम नागरिकों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, 'हमे कहा गया था कि अनुच्छेद 370 ही जम्मू कश्मीर में हर परेशानी का कारण है, लेकिन ढाई साल हो गए हैं और हालात पहले से और भी बदतर हुए हैं। टारगेट किलिंग का सिलसिला बढ़ा है। एक बार फिर कश्मीरी पंडित घाटी छोड़ कर जाने का मन बनाने लगे हैं। जबकि भाजपा ने वादा तो सब कुछ ठीक करने का किया था।'
उमर अब्दुल्ला ने फिल्म कश्मीर फाइल्स का जवाब देते हुए कहा कि इस फिल्म के बनने से पहले भी टारगेट किलिंग का सिलसिला चल रहा है। फिल्म माहौल को बिगाड़ने का काम कर सकती है और यह कितना हुआ है, इसका फैसला आपको (जनता) करना है। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर निशाना साधा और इसे एक पार्टी को फायदा पहुंचाने वाली रिपोर्ट कहा। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट को स्थाई वास्तविकता के आधार पर नहीं बनाया गया है। इसे एक पार्टी और उसके सहयोगी दलों को फायदा पहुंचाने के लिए तैयार किया गया है।
लाउडस्पीकर को लेकर उमर अब्दुल्ला बोले कि इसे हर धर्म के लोग इस्तेमाल कर रहा हैं। इस पर रोक लगाने से हर धर्म के लोगों की भावनाओं पर असर पड़ेगा। इसके लिए बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास में लेकर उनसे बातचीत कर तय करना चाहिए। समय और आवाज को तय किया जा सकता है, इसे बैन करना कोई हल नहीं है।
जम्मू कश्मीर में चुनाव को लेकर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अभी क्यों नहीं हो सकते चुनाव? क्या अभी 1996 से ज्यादा खराब हालात हैं। अगर ऐसा है तो सरकार को इसे स्वीकार करना चाहिए और लोगों को बताना चाहिए कि प्रदेश में सब सामान्य नहीं है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा ने अयोध्या मामले के बाद कहा था कि मंदिर पर सियासत नहीं होगी, लेकिन अब लगता है कि एक के बाद एक नए विवाद पैदा किए जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। इससे ध्यान हटाने के लिए ऐसे विवाद पैदा किए जा रहे हैं। उन्होंने पर्यटन के आने को लेकर कहा कि श्रीनगर में ज्यादा फ्लाइट्स और पर्यटकों का आना हालात का सामान्य होना नहीं है। हालात का सामान्य होने का मतलब है कि कोई भी नागरिक बिना डर के रह सके। कश्मीरी पंडित व अन्य अल्पसंख्यक घाटी छोड़ कर जाने को मजबूर न हो।