महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडनवीस ने मंगलवार को तंज कसते हुए कहा कि राज्य में शरद पवार जैसा अनुभवी नेता और कोई नहीं है। वह संकट के समय में मदद करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की क्षमता और नियमों से अच्छी तरह वाकिफ है। लेकिन अब उनके पास राज्य सरकार का बचाव करने की जिम्मेदारी है।
श्री फडनवीस साेमवार से बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर हैं। वह यहां के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए कल शाम पहुंच गये थे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि श्री पवार केवल सरकार की सुविधा के लिए बोल रहे थे। श्री फड़नवीस ने प्रभावित किसानों की मदद के लिए राज्य सरकार से ऋण लेने के श्री पवार के फैसले का समर्थन किया। पैसे उधार लेने का मतलब यह नहीं है कि हम पाप कर रहे हैं। सरकार हमेशा बजट में प्रावधानों को पूरा करने के लिए ऋण लेती है, फिर उसे चुकाती है।
उन्होंने कहा कि संकट के समय में सरकार को उधार लेना पड़ता है। रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नई सीमा के अनुसार महाराष्ट्र को 1.20 लाख करोड़ रुपये उधार लेने की अनुमति है और अब तक महाराष्ट्र ने केवल 60,000 करोड़ रुपये उधार लिए हैं इसलिए राज्य सरकार किसानों की मदद के लिए ऋण ले सकती है। उन्होंने राज्य सरकार की केन्द्र सरकार से मदद मांगने की निंदा की।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की तीन दलों वाली सरकार में कई मुद्दों पर मतभेद है लेकिन तीनों पार्टियां इस बात
पर सहमत हैं कि केन्द्र सरकार से मदद मिलनी चाहिए। कुल मिला कर तीनों दल हाथ मिलाने में माहिर हैं।
श्री फडनवीस ने कहा कि केन्द्र सरकार निश्चित रूप से राज्य सरकार की बहुत मदद कर सकती है लेकिन
पहले राज्य सरकार बताये कि वह क्या सहायता देगी।
उन्होंने कहा कि जब पिछले वर्ष वह केयर टेकर मुख्यमंत्री थे तब बारिश के कारण खराब हुयी फसल के कारण किसानों को 10000 रुपये की राहत देने की घोषणा की थी, उस समय श्री उद्धव ठाकरे और अजीत पवार ने कहा था कि किसानों के लिए यह धनराशि पर्याप्त नहीं है। अब श्री ठाकरे मुख्यमंत्री हैं और श्री अजीत पवार उप मुख्यमंत्री है लेकिन अभी तक किसानों को राहत पैकेज की घोषणा नहीं कर सके और मुआवजा देने में विफल हैं।