राजनीति में दोस्ती और दुश्मनी जैसे शब्दों के मायने समयानुसार बदलते रहते हैं। सियासत में लंबे समय तक कोई मित्र या शत्रु नहीं होता। इस बार लोकसभा चुनाव 2019 में ऐसे कई राजनीतिक चेहरे दिखाई दे रहे हैं जो कभी 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान किसी और पार्टी के कद्दावर नेता माने जाते थे जबकि अब वे दूसरे दल का दामन थाम चुके हैं। ऐसे दिग्गज नेता अब अपनी पुरानी पार्टी से ही दो-दो हाथ करने के लिए तैयार हैं।
यूं तो दल बदल की घटनाओं से कोई भी सियासी दल अछुता नहीं रहा है। हर साल कितने ही विधायक, सांसद अपनी नाराजगी और महत्वाकाक्षांओं की वजह से पार्टियां बदलते रहते हैं। लेकिन हम उन बड़े नेताओं की बात यहां करने वाले हैं जिनकी निष्ठा लंबे समय तक किसी एक पार्टी के साथ जुड़ी रही और वे अपने दल के दिग्गजों में शुमार रहे। लेकिन इस बार वे अपने पुराने दल को चुनौती दे रहे हैं। इनमें कई नेता अपनी नई पार्टी से बकायदा लोकसभा उम्मीदवार भी घोषित हो चुके हैं। जबकि कई रणनीतिक स्तर पर अपने नए संगठन का झंडा बुलंद करने में लगे हैं।
1-शत्रुघ्न सिन्हा
भाजपा के बागी नेता और सासंद शत्रुघ्न सिन्हा कांग्रेस पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सिन्हा लंबे समय से मोदी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे। साथ ही विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मंच भी साझा कर रहे थे। पिछले दिनों ने उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की जमकर प्रशंसा की थी। इसके बाद से अटकलें तेज हो गई हैं कि वह कांग्रेस की ओर से चुनाव लड़ सकते हैं।
2-शरद यादव
कभी बिहार के सीएम नीतीश कुमार के साथ जनता दल(यू) को मजबूत बनाने वाले शरद यादव अब अपनी पार्टी के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं। इस बार शरद यादव आरजेडी के चुनाव चिह्न लालटेन पर मधेपुरा से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
3-नानाभाऊ पटोले
नागपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने नानाभाऊ पटोले को उतारा है जो बीजेपी प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुकाबला करेंगे। ये वही नाना पटोले हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यवहार से नाराज होकर सांसद पद से इस्तीफा दिया था और बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
4-अंशुल वर्मा
लोकसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज हरदोई सीट से भाजपा सांसद अंशुल वर्मा ने बुधवार को अपना इस्तीफा पार्टी दफ्तर में चौकीदार को सौंपा दिया था। अब वह साइकिल की सवारी करेंगे। बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी ज्वाइन कराई है। ऐसी चर्चा है कि वे गठबंधन की तरफ से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
5-घनश्याम तिवाड़ी
भारत वाहिनी के प्रमुख और बीजेपी के पूर्व वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवारी ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस का दामन थाम लिया है। तिवारी बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं में से रहे है। वो छह बार राजस्थान विधानसभा के सदस्य रहे है। 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने बीजेपी का साथ छोड़ भारत वाहिनी पार्टी का गठन किया। हालांकि इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। धनश्याम तिवारी ने कहा कि लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है इसलिए में कांग्रेस के साथ जुड़ रहा हूं।
6-कीर्ति आजाद
भाजपा से निलंबित सांसद कीर्ति आजाद भी इस बार कांग्रेस के साथ दिखाई दे रहे हैं। आजाद पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार के दरभंगा से निर्वाचित हुए थे। उन्हें 2015 में भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। पिछले कुछ समय से उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें चल रही थीं।
7-टॉम वडक्कन
केरल में कांग्रेस का बड़ा चेहरा माने जाने वाले टॉम वडक्कन अब कांग्रेस का साथ छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं। टॉम वडक्कन को गांधी परिवार का काफी करीबी बताया जाता है। वडक्कन कांग्रेस प्रवक्ता के अलावा यूपीए सरकार के समय सोनिया गांधी के सचिव रह चुके हैं।
8-जया प्रदा
कभी समाजवादी पार्टी की नेता रहीं जयाप्रदा ने बीजेपी का दामन थाम लिया। पार्टी ने अभिनेत्री और पूर्व सांसद जयाप्रदा को यूपी के रामपुर से लोकसभा का टिकट भी दे दिया है। यहां से वे सपा के आजम खान को टक्कर देंगी।