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शिवसेना ने भाजपा पर लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप, कहा- कई लोगों के पेट में हो रहा दर्द

महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। शनिवार को शिवसेना, राष्ट्रवादी...
शिवसेना ने भाजपा पर लगाया हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप, कहा- कई लोगों के पेट में हो रहा दर्द

महाराष्ट्र में नई सरकार को लेकर स्थिति अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है। शनिवार को शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए राज्यपाल के पास जाएंगे। विधानसभा की अवधि खत्म होने के बाद भी जब कोई पार्टी सरकार बनाने में अक्षम रहती तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। इसी बीच शिवसेना ने भाजपा पर अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए निशाना साधा है। ‘सामना’ में राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार शीर्षक से संपादकीय लिखा गया है। शिवसेना ने भाजपा पर हॉर्स ट्रेडिंग की कोशिशों का आरोप लगाया है।

संपादकीय में शिवसेना का कहना है कि नए समीकरण से कुछ लोगों के पेट में दर्द हो रहा है। पार्टी ने लिखा, कौन कैसे सरकार बनाता है देखता हूं, अपरोक्ष रूप से इस तरह की भाषा और कृत्य किए जा रहे हैं। ऐसे श्राप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो कितने दिन टिकेगी देखते हैं। अपने मुखपत्र में शिवसेना ने लिखा, 'हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता है तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और पागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी।'

शिवसेना ने आगे लिखा, 'एक तो नरेंद्र मोदी जैसे नेता के नाम पर उनका खेल शुरू है और इसमें मोदी का ही नाम खराब हो रहा है। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है और राष्ट्रपति शासन लगने के बाद 105 वालों का आत्मविश्वास इस प्रकार झाग बनकर निकल रहा है। मानो मुंबई किनारे के अरब सागर की लहरें उछाल मार रही हों। पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने अपने विधायकों को बड़ी विनम्रता से कहा कि बिंदास रहो, राज्य में फिर से भाजपा की ही सरकार आ रही है।'

सत्ता या मुख्यमंत्री पद का अमरपट्टा लेकर कोई जन्म नहीं लेता

शिवसेना ने घोड़ाबाजार यानी हॉर्स ट्रेडिंग का जिक्र करते हुए लिखा, 'राष्ट्रपति शासन की आड़ में घोड़ाबाजार लगाने का मंसूबा अब साफ हो गया है। स्वच्छ और पारदर्शी काम करने का वचन देने वालों का यह झूठ है और ये बार-बार साबित हो रहा है। सत्ता या मुख्यमंत्री पद का अमरपट्टा लेकर कोई जन्म नहीं लेता। खुद को विश्वविजेता कहने वाले नेपोलियन और सिकंदर जैसे योद्धा भी आए और गए। श्रीराम को भी राज्य छोड़ना पड़ा। औरंगजेब आखिर जमीन में गाड़ा गया, तो अजेय होने की लफ्फाजी क्यों?'

नितिन गडकरी के बयान का भी किया जिक्र

शिवसेना ने नितिन गडकरी के उस बयान को गंभीरता से लिया है जिसमें गडकरी ने महाराष्ट्र की राजनीति को क्रिकेट मैच से जोड़ा था। नितिन गडकरी को लेकर सामना में लिखा, 'एक तरफ फडणवीस ‘राज्य में फिर से बीजेपी की ही सरकार!’ का दावा करते हैं और दूसरी तरफ नितिन गडकरी ने क्रिकेट का रबड़ी बॉल राजनीति में फेंक दिया है। गडकरी का क्रिकेट से संबंध नहीं है। संबंध है तो शरद पवार और क्रिकेट का है। अब अमित शाह के बेटे जय शाह भारतीय क्रिकेट बोर्ड के सचिव बन गए हैं इसलिए बीजेपी का क्रिकेट से अधिकृत संबंध जोड़ा गया है। आजकल क्रिकेट खेल कम और धंधा ज्यादा बन गया है और क्रिकेट के खेल में भी राजनीति की तरह ‘घोड़ाबाजार’ शुरू है।'

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