मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के विरोध और कांग्रेस की आलोचना के बाद नई शराब दुकानें खोलने के मामले में शिवारज सरकार बैकफुट पर आ गई है। सभी जिला कलेक्टरों को इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं करने को कहा गया है।
हाल में आर्थिक तंगी को देखते हुए शिवराज सरकार ने प्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने पर काम शुरू किया था। इस संबंध में आबकारी विभाग की ओर से सभी जिलों से नई दुकानें खोलने के लिए प्रस्ताव भी मांगे गये थे। राज्य सरकार के इस फैसले का चारो और से विरोध शुरू हो गया। कांग्रेस तो लगातार सरकार पर हमले कर ही रही थी, वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती भी विरोध में खड़ी हो गई। पिछले दो दिनों से लगातार शराब दुकानें न खोलने को लेकर उनके बयान आ रहे है। उन्होंने राज्य में बढ़ती बलात्कार की घटनाओं को भी शराब से जोड़ दिया। उनके इस बयान के बाद शिवराज सरकार पूरी तरह से बैकफुट पर आ गई है।
मुख्यमंत्री की बैठक के बाद फिलहाल इसे फिलहाल अमल में न लाने का फैसला लिया गया है। शिवराज सिंह ने इस मामले में फिर बात दोहराई कि सरकार ने फिलहाल नई शराब दुकानों के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है। दरअसल, गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने राज्य में नई शराब दुकानों को खोलने के प्रस्ताव की बात कही थी। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने इसका विरोध शुरू कर दिया। चौतरफा घिरने के बाद सरकार कदम पीछे खींच रही है।
आबकारी आयुक्त ने गुरुवार को सभी कलेक्टरों को पत्र लिखकर कहा था कि सरकार शराब की नई दुकानें खोलना चाहती है। आप नई दुकानें खोलने के लिए जो प्रस्ताव भिजवाएं, उनमें उन गांवों को अनिवार्य रूप से शामिल करें, जिनकी आबादी पांच हजार है और वहां पहले से शराब दुकान नहीं है। अब इसी पत्र को निरस्त किया जा रहा है।