2019 में मोदी सरकार को रोकने के लिए महागठबंधन बनाने को लेकर सियासी जद्दोजहद तेज है। कुछ विपक्षी नेता इसके लिए आशान्वित हैं तो कुछ महागठबंधन पर संदेह प्रदर्शित कर रहे हैं। इस बीच एनसीपी के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा है कि तीसरा मोर्चा 'व्यवहारिक' नहीं है, इसलिए यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा। पवार के इस बयान पर एनडीए से खफा शिवसेना ने उन्हें आड़े हाथों लिया है।
शिवसेना ने सामना में लेख के जरिए पवार पर हमला बोला है। शिवसेना ने सामना में कहा कि विरोधियों को शरद पवार से सावधान रहना होगा, क्योंकि भाजपा शरद पवार को अपनी भाषा बुलवा रही है। शिवसेना ने कहा कि शरद पवार बोल रहे हैं कि तीसरा मोर्चा असंभव है यही बात भाजपा भी करती है।
सामना में लिखा है कि तो क्या शरद पवार (गुरुजी) की आड़ में भाजपा कुछ कहना चाह रही है। उन्होंने लिखा कि पवार जैसे नेता विरोध में हैं या भी नहीं ये देखना होगा। यानी यदि नेतृत्व उनके पास नहीं रहेगा तो तीसरा मोर्चा व्यवहारिक नहीं होगा।
लेख में लिखा गया है कि कांग्रेस और राहुल गांधी का क्या करें, जो इस चक्रव्यूह में अटके हैं। क्या राहुल गांधी का नेतृत्व स्वीकारा है, क्या पता राहुल गांधी को अलग रखकर शरद पवार भी सोच रहे हो, मोर्चा कैसे बनेगा। जो भाजपा कहना चाहती है वह अपने विरोधियों से ही बुलवा रही है।
एक टीवी चैनल से बातचीत में तीसरे मोर्चे को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैं महसूस करता हूं कि कोई महागठबंधन या तीसरा मोर्चा संभव नहीं है। मेरा अपना आंकलन है कि यह व्यवहारिक नहीं है। इसी वजह से यह बन नहीं पाएगा। मेरे कई साथी चाहते हैं कि महागठबंधन बनाया जाए लेकिन मैं यह महसूस करता हूं कि यह क्रियान्वित नहीं हो पाएगा।”