सोनिया गांधी दोपहर बाद तीन बजे गुपकर में महबूबा मुफ्ती के फेयरव्यू आवास पहुंची और करीब 20 मिनट तक पीडीपी अध्यक्ष के साथ रहीं। कांग्रेस अध्यक्ष के साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस महासचिव अंबिका सोनी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीए मीर और पार्टी नेता सैफुद्दीन सोज भी मौजूद थे। मुफ्ती मोहम्मद सईद ने गुरूवार को नई दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली थी।
सोनिया और मुफ्ती की इस मुलाकात को राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि पीडीपी की सहयोगी भाजपा ने मुफ्ती के निधन के बाद अभी तक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा को औपचारिक समर्थन नहीं दिया है। कांग्रेस वर्ष 2002 से 2008 के बीच पीडीपी के साथ जम्मू कश्मीर की सत्ता में साझेदारी कर चुकी है जिसमें तीन-तीन साल के अंतर पर दोनों पार्टियों के मुख्यमंत्री रहे। बाद में 2008 में यह साझेदारी टूट गई थी।
सोनिया गांधी के श्रीनगर पहुंचकर महबूबा से मुलाकात करने को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि इस तरह की खबरें हैं कि पीडीपी और भाजपा नई सरकार के गठन पर नए सिरे से बातचीत कर रहे हैं। पीडीपी राज्यपाल एनएन वोहरा को पहले ही एक पत्र दे चुकी हैं जिसमें कहा गया है कि पार्टी के सभी 28 विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए महबूबा का समर्थन करते हैं। लेकिन खबरों के मुताबिक महबूबा ने कहा है कि वह अपने पिता के निधन के शोक के चौथे दिन तक शपथग्रहण नहीं करेंगी।
वोहरा ने शुक्रवार को पीडीपी और भाजपा दोनों से सरकार गठन पर अपनी स्थिति तत्काल स्पष्ट करने को कहा था। भाजपा ने अपनी स्थिति नहीं बताई, जिसके बाद राज्यपाल ने कल राज्य में राष्ट्रपति शासन लगा दिया।