कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा प्रहार किया और आरोप लगाया कि उनके ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ (मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस) का मतलब लगातार ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है। उनके संबोधन के बाद कांग्रेस के चिंतन शिविर की शुरुआत हुई।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘ चिंतिन शिविर हमें यह अवसर देता है कि हम देश के सामने खड़ी उन चुनौतियों पर चर्चा करें जो भाजपा और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा पैदा की गई हैं।’’ उन्होंने कहा कि इस शिविर में राष्ट्रीय मुद्दों और संगठन पर ‘बोल्ड चिंतन’ होगा।
कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘यह स्पष्ट हो गया है कि प्रधानमंत्री और उनके साथियों की ओर से ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ की जो बात की जाती है उसका क्या मतलब है? इसका मतलब निरंतर ध्रुवीकरण करना और डर का माहौल बनाना है।’
उन्होंने यह आरोप लगाया कि इस सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब अल्पसंख्यकों को डराना है जबकि अल्पसंख्यक देश के बराबर के नागरिक हैं। इस सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब राजनीतिक विरोधियों को डराना धमकाना, उन्हें बदनाम करना और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर उन्हें जेल में डालना है।’’
सोनिया गांधी के अनुसार, भाजपा सरकार के ‘न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन’ का मतलब यह है कि इतिहास पर फिर से गौर किया जाए, स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को कमतर किया जाए तथा महात्मा गांधी के हत्यारों का महिमामंडन किया जाए। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे महान संगठन की ओर से समय समय पर लचीलेपन की उम्मीद की जाती रही है। एक बार फिर हमसे उम्मीद की जा रही है कि हम अपना समर्थन और साहस की भावना का परिचय दें।’’
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘हमारे संगठन के समक्ष परिस्थितियां अभूतपूर्व हैं। असाधारण परिस्थितियों का मुकाबला असाधारण तरीके से किया जाता है… हमें सुधार की सख्त की जरूरत है। रणनीति में बदलाव की जरूरत है। रोजाना काम करने के तरीके में परिवर्तन की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा ‘‘मैं यह भी जोर देकर कहना चाहती हूं कि विशाल सामूहिक प्रयासों से ही हमारा पुनरुत्थान हो सकता है।’’
सोनिया गांधी ने कांग्रेस नेताओं का आह्वान किया, ‘‘पार्टी ने हमें बहुत कुछ दिया है। अब समय है कर्ज उतारने का। हम अपने विचार खुलकर रखें। लेकिन सिर्फ संगठन की मजबूती, दृढ़निश्चय और एकता का संदेश बाहर जाना चाहिए।’’
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘भाजपा के लिए लोकतंत्र कोई मायने नहीं रखता। ऐसे फासीवादी लोग धर्म का नाम लेकर सत्ता पर काबिज हो गए।’’ उन्होंने सांप्रदायिक झड़पों की हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश में शांति की अपील करने का नैतिक साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। उनके पास नैतिक साहस नहीं है।’’
कांग्रेस के चिंतन शिविर के मेजबान के तौर पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने स्वागत भाषण दिया। इस मौके पर उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन राज्यों में चुनाव आने वाले होते हैं, वहीं दंगे होते हैं। उन्होंने कहा कि हम काम बहुत करते हैं, लेकिन कभी मार्केटिंग नहीं करते। गहलोत ने कहा कि ये लोग गुजरात मॉडल जैसी बातें करते हैं, लेकिन काम नहीं करते।
सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि विचारधारा की लड़ाई अलग है, लेकिन धर्म जाति ऐसी चीज है आप हिंसा कर सकते हैं। दंगे भड़का सकते हो। देश के अंदर ये हो रहा है, राजस्थान तो टारगेट नंबर वन है। देश में जहां-जहां चुनाव आता है ये टारगेट बना लेते हैं।