विधानसभा चुनाव में झारखंड में कांग्रेस के शानदार प्रदर्शन के बावजूद कांग्रेस में सब ठीकठाक नहीं चल रहा। वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं में प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। चार दशक से कांग्रेस का दामन थामे और कई टर्म विधायक व सांसद रहे फुरकान अंसारी ने तो उनके खिलाफ मंत्रियों से वसूली तक का आरोप लगा दिया है।
केंद्रीय नेतृत्व को परामर्श देकर विवाद में पड़े फुरकान अंसारी ने दिल्ली जाकर कांग्रेस के केंद्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और कांग्रेस का कच्चा चिट्ठा खोला। अपने ट्विटर पर भी फुरकान अंसारी ने लिखा है कि कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से दिल्ली में बंद कमरे में करीब आधे घंटे गहन बात की और झारखंड के बारे में विस्तृत रिपोर्ट सौंपा।
फुरकान अंसारी ने उनसे मिलकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह को बदलने की मांग की है। एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के आधार पर प्रदेश अध्यक्ष को हटाने की मांग की है। यहां बता दें कि फुरकान ने जब केंद्रीय नेतृत्व खासकर राहुल गांधी के मैनेजमेंट गुरुओं से घिरे रहने और संस्कृति में सुधार की बात कही थी तब प्रदेश नेतृत्व ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। प्रदेश अध्यक्ष उस समय बीमार थे इसलिए उनसे विमर्श कर कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के हस्ताक्षर से नोटिस जारी किया गया था। हालांकि एक सप्ताह की मोहलत के बावजूद आज तक फुरकान अंसारी ने जवाब नहीं दिया और पार्टी ने भी उनके खिलाफ कुछ नहीं किया। फुरकान के स्वर जरूर तीखे थे मगर वे लगातार कांग्रेस की मजबूती की बकालत करते रहे। फुरकान अंसारी राज्यसभा चुनाव लड़ना चाहते थे मगर प्रदेश प्रभारी बाधक बन गये और छोटे से नेता को मैदान में उतार दिया। फुरकान अंसारी को इस बात की भी टीस है। वेणुगोपाल से मिलकर फुरकान अंसारी ने आरपीएन सिंह की शिकायत की है। कहा है कि प्रदेश में चार साल से कांग्रेस की कोई कमेटी नहीं बनी है। इसके लिए आरपीएन सिंह को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। कहा कि आरपीएन सिंह ने झारखंड को चारागाह बना लिया है, मंत्रियों से हर माह वसूली की जाती है इसी कारण यहां ईमानदारी से काम नहीं हो रहा। भाजपा के खिलाफ आक्रोश की भावना तेजी से बढ़ रही है ऐसे में कांग्रेस के लिए बेहतर मौका है। फुरकान अंसारी वैसे पहले से ही कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ बोलते रहे हैं।
हाल ही पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुबोध कांत सहाय ने भी आरपीएन सिंह के खिलाफ आवाज उठाई थी। कहा था कि प्रभारी की सोच का अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि गठबंधन की सरकार के एक साल पूरा होने पर आरपीएन सिंह चेहरा चमकाने रांची आते हैं लेकिन उससे कुछ घंटे पहले पार्टी के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेना भी उचित नहीं समझते। सुबोधकांत सहाय भी गाहे बगाहे प्रदेश प्रभारी के खिलाफ अपना असंतोष जाहिर करते रहते हैं। बहरहाल फुरकान अंसारी के दिल्ली जाकर पार्टी महासचिव से प्रदेश प्रभारी की शिकायत का असर उनके पुत्र और प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पर क्या पड़ता है यह समय बतायेगा।