प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को लोगों से 'विकसित भारत' के लिए एकजुट रहने का आह्वान किया और देश को कमजोर करने तथा इसकी एकता को तोड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों के खिलाफ चेतावनी दी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में उनके जन्म स्थान कटक में आयोजित 'पराक्रम दिवस' समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि महान स्वतंत्रता सेनानी का जीवन लोगों के लिए निरंतर प्रेरणा का स्रोत है।
वर्चुअल माध्यम से दिए गए अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि नेताजी, जैसा कि बोस को प्यार से बुलाया जाता था, ने आरामदायक जीवन को त्याग दिया और देश की आजादी के लिए संघर्ष करना पसंद किया।
मोदी ने कहा, "वह कभी भी सुविधा क्षेत्र में नहीं फंसे। इसी तरह, हम सभी को एक विकसित भारत बनाने के लिए अपने सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना होगा। हमें विश्व स्तर पर खुद को सर्वश्रेष्ठ बनाना होगा। हमें उत्कृष्टता को चुनना होगा और दक्षता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।"
उन्होंने कहा कि बोस का एकमात्र ध्यान देश के 'स्वराज' पर था और विभिन्न पृष्ठभूमि के लोग इसके लिए एकजुट हुए। उन्होंने कहा, "अब हमें विकसित भारत के लिए एकजुट रहना होगा।"
उन्होंने कहा कि लोगों को भारत की एकता के लिए बोस के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें उन लोगों से सावधान रहना होगा जो देश को कमजोर करना चाहते हैं और इसकी एकता को तोड़ना चाहते हैं।"
प्रधानमंत्री ने बोस की विरासत को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर जोर देने के लिए अंडमान के द्वीपों का नाम बोस के नाम पर रखने, इंडिया गेट पर उनकी प्रतिमा स्थापित करने और उनकी जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने सहित कई निर्णयों का हवाला दिया।
पीएम कहा कि बोस को भारत की विरासत पर गर्व था। उन्होंने कहा कि विकास की तीव्र गति लोगों की प्रगति, सशस्त्र बलों के सुदृढ़ीकरण और समग्र विकास के साथ-साथ चलती है।
उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है, आधुनिक बुनियादी ढांचे का भी निर्माण किया जा रहा है और सशस्त्र बलों की ताकत में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
मोदी ने कहा कि भारत विश्व स्तर पर एक मजबूत आवाज के रूप में उभरा है।