केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि आतंकवाद, घुसपैठ और धार्मिक तनाव पैदा करने की साजिश के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी, भले ही देश ने जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित कर ली है।
पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि पुलिस शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और देश निश्चित रूप से 2047 तक पूर्ण विकसित राष्ट्र बन जाएगा।
उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर क्षेत्र और वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अपेक्षाकृत शांति स्थापित हुई है। हालांकि, हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। हम मादक पदार्थों, साइबर अपराध, धार्मिक तनाव पैदा करने की साजिश, घुसपैठ और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे, जो हमारे लिए चुनौतियां बनी हुई हैं।"
गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक 36,438 पुलिसकर्मियों ने देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान की है, जिनमें से 216 पिछले साल शहीद हुए। उन्होंने कहा कि देश विकास की यात्रा में उनके बलिदान के लिए हमेशा ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा, "मैं शहीदों के परिजनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। देश सुरक्षित रहेगा और किसी भी चुनौती के बावजूद अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा तथा भारत निश्चित रूप से 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाएगा।"
एक जुलाई से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि नए कानूनों के कार्यान्वयन के लिए बुनियादी ढांचे की स्थापना का काम पांच साल पहले शुरू हो गया था और शेष काम अगले तीन वर्षों में पूरा हो जाएगा।
उन्होंने कहा, "मैं देश को बताना चाहता हूं कि भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली दुनिया में सबसे आधुनिक होगी और एफआईआर दर्ज होने के तीन साल के भीतर सर्वोच्च न्यायालय तक पूर्ण न्याय दिया जा सकेगा।"
पुलिस कर्मियों के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि ‘आयुष्मान सीएपीएफ’ योजना के क्रियान्वयन के बाद पुलिस कर्मी और उनके परिवार के सदस्य अब किसी भी आयुष्मान अस्पताल में इलाज करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सीएपीएफ कर्मियों की आवास संतुष्टि बढ़ाने के लिए 13,000 मकानों के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 11,276 मकान अगले वर्ष मार्च तक तैयार हो जाएंगे।
पुलिस स्मृति दिवस समारोह यहां राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर आयोजित किया गया। अपने भाषण से पहले शाह ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले सभी पुलिस कर्मियों को पुष्पांजलि अर्पित की।
21 अक्टूबर 1959 को लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में भारी हथियारों से लैस चीनी सैनिकों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में 10 पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए थे। तब से, हर साल 21 अक्टूबर को इन शहीदों और ड्यूटी के दौरान शहीद हुए अन्य सभी पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।