सिन्हा, जो कि खुद भी बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं और उनकी कंपनी एसआईएस सिक्योरिटीज बैंकों के एटीएम में पैसे जमा कराने के लिए लॉजिस्टिक सुविधा मुहैया कराने का भी काम करती है, के इस बयान के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इस आरोप को बल मिलता है कि सरकार के करीबियों को नोटबंदी के बारे में पहले से पता था।
सिन्हा ने फरीदबाद में कहा कि दो हजार रुपये के नोट इसलिए छापे गए कि पांच सौ और एक हजार के पुराने नोट बदलने की प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाए। फरीदाबाद इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के उपप्रधान बीआर भाटिया के निवास पर शहर के उद्यमियों और व्यापारियों को संबोधित करते हुए सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाना चाहते हैं। इस दिशा में कारगर कदम उठाने के लिए दो हजार रुपये के नए नोट भी बंद होंगे। उन्होंने उपस्थित उद्यमियों व व्यापारियों को आगाह किया कि दो हजार के नए नोट का एकत्रीकरण बंद कर दें क्योंकि इसमें काफी खतरा है।
इस बयान से विवाद खड़ा होने की आशंका को भांपते हुए सिन्हा ने बाद में एक हिंदी अखबार को स्पष्टीकरण दिया कि वह यह बताना चाह रहे थे कि काला धन फिर से इकट्ठा होने की आशंका कम है। दो हजार के नोटों को लेकर कही गई बात उन लोगों के आरोपों के जवाब में थी जो यह कह रहे हैं कि दो हजार के नोट लाकर काला धन संग्रह को आसान बना दिया गया है। जरूरी नहीं कि कोई नोट हमेशा के लिए चलता रहे। परोक्ष रूप से सिन्हा का संकेत यही था कि दो हजार के नोट बंद हो सकते हैं। कैशलेस अर्थव्यवस्था के फायदे गिनाते हुए सांसद सिन्हा ने कहा कि जब देश की अर्थव्यवस्था कैशलेस हो जाएगी तो सारा लेनदेन बैंकों के माध्यम से होगा। इसलिए यह भी संभव है कि सरकार सिर्फ बैंक ट्रांजेक्शन टैक्स ही लगाए। आयात कर छोड़कर आयकर, बिक्रीकर सहित अन्य कर खत्म कर दिए जाएं। सांसद सिन्हा ने माना कि नोटबंदी के चलते व्यापार और उद्योग जगत के कारोबार पर पहले तिमाही असर पड़ेगा मगर इसके बाद कारोबार में बढ़ोतरी का बूम आएगा।