कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि संसद के बजट सत्र में राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाने के लिए नोटिस फिर से दिया जा सकता है तथा इस शीतकालीन सत्र में दिया गया वह नोटिस एक ‘ट्रेलर’ था जिसे उपसभापति हरिवंश ने खारिज किया।
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने गुरूवार को विपक्ष का वह नोटिस खारिज कर दिया जिसमें पक्षपातपूर्ण तरीके से उच्च सदन के संचालन का आरोप लगाते हुए सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने की मांग की गई थी।
इस विषय पर रमेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘सभापति के खिलाफ हमारा अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया गया है। संविधान में इसकी सीमा नहीं लगाई गई कि कितनी बार अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। बजट सत्र में देखा जाएगा।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या विपक्षी दल आगे फिर यह कदम उठा सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘‘बिल्कुल। यह तो पहला कदम है। देखते जाइए। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर यह ट्रेलर था।’’
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों ने सभापति धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद से हटाने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी नोटिस 10 दिसंबर को राज्यसभा के महासचिव को सौंपा था।
विपक्षी सदस्यों ने संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) के तहत उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के इरादे से नोटिस दिया था। विपक्ष ने कहा था कि धनखड़ द्वारा ‘अत्यंत पक्षपातपूर्ण’ तरीके से राज्यसभा की कार्रवाई संचालित करने के कारण यह कदम उठाना पड़ा है।