वैसे रीता अपनी कोशिश में कितनी कामयाब होंगी यह भविष्य के गर्भ में है। दरअसल ये सभी विधायक बगावत के रास्ते पर इतना आगे निकल गए हैं कि उनका लौटना अब मुश्किल लग रहा है। वैसे हरक सिंह रावत के तेवर देखकर लग नहीं रहा है कि अब उनके लिए वापसी की कोई राह बची है, हालांकि राजनीति को संभावनाओं का खेल कहा जाता है और इसमें कभी भी कुछ भी हो सकता है। इस बीच उत्तराखंड के राज्यपाल ने हरीश रावत को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 28 मार्च तक का समय दिया है। दूसरी ओर विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस के बागी विधायकों को दल बदल कानून के तहत नोटिस जारी किया है।
शुक्रवार को बागी कांग्रेस विधायकों को भाजपा विधायकों के साथ सरकार विरोधी नारे लगाते हुए देखा गया। इनमें मुख्यतः वही विधायक हैं जो पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक विजय बहुगुणा से जुड़े थे। अन्य आठ विधायकों में हरक सिंह रावत, अमृता रावत, कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, शैला रानी रावत, प्रदीप बत्रा , बहुगुणा के पक्के समर्थक सुबोध उनियाल, शैलेंद्र मोहन सिंघल और उमेश शर्मा शामिल हैं।
ताजा हालात यह हैं कि कांग्रेस के इन 9 विधायकों के साथ भाजपा के 26 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं और भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि वह इन सभी विधायकों की परेड राष्ट्रपति के सामने कराने के लिए तैयार है। राज्य भाजपा के प्रभारी श्याम जाजू के अनुसार हरीश रावत सरकार ने बहुमत खो दिया है और बागी कांग्रेस विधायकों के समर्थन से उत्तराखंड में नई सरकार बनाने के लिए भाजपा के पास जरूरी संख्या है।
इस बीच, मुख्य विपक्षी भाजपा पर तथ्यों को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज दावा किया कि उनके पास अब भी राज्य विधानसभा में बहुमत है और सदन में वह इसे किसी भी समय साबित करने को तैयार हैं। विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल के साथ बैठक करने के बाद संवाददाताओं द्वारा इस संबंध में पूछे जाने पर किसी पार्टी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, जो लोग यह कह रहे हैं कि उनके पास 35 विधायकों का समर्थन है, वे तथ्यों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। मुझे विश्वास है कि विधानसभा में मेरे पास बहुमत है और मैं सदन में इसे साबित भी कर सकता हूं।
कांग्रेस के नौ बागी विधायकों सहित 35 विधायकों के समर्थन के भाजपा के दावे के बारे में रावत ने कहा कि उनमें से कम से कम पांच विधायक तो अब भी उनके संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, उन विधायकों ने कहा है कि वे अब भी पार्टी के साथ हैं और कांग्रेस विधानमंडल दल के सदस्य बने रहेंगे।
जाजू ने बताया कि पार्टी राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के समक्ष समर्थक विधायकों को पेश करने की मंशा रखती है और उसने इस बात पर जोर दिया कि अल्पमत में होने के कारण रावत को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के नौ बागी विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं और वे भाजपा नेताओं के संपर्क में हैं। कांग्रेस के नौ बागी विधायकों के बगावत का झंडा बुलंद करने और भाजपा में शामिल हो जाने के कारण चार साल पूरा कर चुकी कांग्रेस सरकार मुश्किल में है। भाजपा ने उत्तराखंड में सरकार गठन का दावा पेश किया है।
70 सदस्यीय विधानसभा में बागी कांग्रेस विधायकों के साथ कांग्रेस के पास 36 विधायक हैं। सत्ताधारी पार्टी को प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिव फ्रंट के छह सदस्यों का भी समर्थन प्राप्त है। पर्वतीय राज्य में कांग्रेस विधानमंडल के एक वर्ग के बीच उपजे असंतोष और बगावत के बाद तेजी से बदल रहे घटनाक्रमों के दौरान बीती रात पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद भगत सिंह कोश्यारी, जाजू और महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के तीन सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के के पॉल से मुलाकात की। विधानसभा में मचे कोलाहल के बीच कांग्रेस के नौ बागी विधायक राज्य के वार्षिक बजट पर मतों के विभाजन की मांग करते हुए भाजपा में शामिल हो गए। नतीजतन सरकार गिर सकती है। रूद्रप्रयाग से कांग्रेस विधायक हरक सिंह रावत ने बजट संबंधी वित्त विधेयक गिरने का दावा किया। उन्होंने कहा कि सत्ताधारी पार्टी के अल्पमत में आने का यह साफ संकेत है क्योंकि बजट के खिलाफ 35 मत पड़े हैं जबकि पक्ष में 32 मत ही हैं।