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मोदी पर बयान के बाद तोगड़िया को हैदराबाद जाने से रोका गया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिंदू विरोधी बताने के महज एक दिन बाद रविवार को विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया को खुफिया एजेसियों ने सुरक्षा का हवाला देते हुए हैदराबाद जाने से रोक दिया। फिलहाल इसपर कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए तोगड़िया ने कहा कि वह इस मुद्दे पर जल्द ही सार्नजनिक तौर पर बोलेंगे।
मोदी पर बयान के बाद तोगड़िया को हैदराबाद जाने से रोका गया

विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया को हैदराबाद में विहिप और बजरंग दल कार्यकर्ताओं को संबोधित करना था। विहिप नेताओं ने बताया कि अंतिम समय में उन्हें अपनी यात्रा रद्द करने के लिए दबाव डाला गया।तोगड़िया को हैदराबाद में ही अखंड भारत संकल्प दिवस कार्यक्रम में एक सारवजनिक सभा को संबोधधित करने के साथ ही तेलंगाना में चल रहे पुषकर्म में भी भाग लेना था। तेलंगाना के विहप प्रदेश अध्यक्ष एम रामा राजू ने बताया कि केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने केंद्र सरकार को रिपोर्ट दिया कि तोगड़िया जी को हैदराबाद में खतरा है जिसके आधार पर उनकी यात्रा को अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। राजू ने बताया कि इसके लिए कारण बताया गया कि स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखते हुए सरकार किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती है।

हालांकि तोगड़िया को हैदराबाद की यात्रा करने से रोके जाने के पीछे सुरक्षा कारण को आधिकारिक वजह बताया गया लेकिन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विहिप के कुछ नेताओं का कहना है कि इसकी मुख्य वजह तोगड़िया का मोदी पर किया गया हमला हो सकता है। शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में तोगड़िया ने गौ रक्षकों पर मोदी के बयान पर नाराजगी जाहीर करते हुए उसकी निंदा की गई थी। तगड़िया ने मोदी द्वारा 80 प्रतिशत गौरक्षकों को असामाजिक तत्व बताने पर  उनकी निंदा की थी और मोदी प हमला करते हुए कहा था कि जो लोग पाकिस्तान से बात करने के लिए तैयार हैं उन्हें भारत के हिंदुओं और गौरक्षकों से बात करनी चाहिए। हालांकि विहिप ने तोगड़िया के कार्यक्रम को हैदरबाद में अगले सप्ताह फिर से कराने का निर्णय लिया है। विहिप परिषद के एक नेता ने बताया कि तोड़िया आगामी 21 और 22 अगस्त को शहर का दौरा करेंगे।

इस बीच मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी प्रधानमंत्री के गौरक्षकों और दलित पर हुए हमलों के संदर्भ में दिए बयान से खुश नहीं है। आरएसएस सूत्रों का कहना है कि मोदी ने कई राज्यों के आगामी चुनाव के मद्देनजर दलित समुदाय के लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए यह बयान दिया। एक वरिष्ठ आरएसएस सदस्य ने कहा कि पीएम को 80 प्रतिशत गौरक्षकों को असामाजिक तत्व नहीं कहना चाहिए था। बताया जाता है कि विशव हिंदू परिषद और बजरंदल भी मोदी के बयान से नाराज हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में दलितों और मुसलमानों पर गौरक्षकों के हमले की घटनाओं के बाद पिछले सप्ताह यह सख्त बयान दिया था जिसमें उन्होंने 80 प्रतिशत गौररक्षकों को असामाजिक तत्व बताते हुए गौ रक्षा के नाम पर दुकान चलाने वाला बताया था।

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