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कांग्रेस में बड़े बदलाव के लिए शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा खत; दूसरे धड़े ने की राहुल की वापसी की मांग

सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के भीतर अलग-अलग आवाजें उठने लगी हैं, जिसमें एक...
कांग्रेस में बड़े बदलाव के लिए शीर्ष नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखा खत; दूसरे धड़े ने की राहुल की वापसी की मांग

सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले पार्टी के भीतर अलग-अलग आवाजें उठने लगी हैं, जिसमें एक वर्ग के सांसद और पूर्व मंत्री सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहे हैं, जबकि एक अन्य समूह ने राहुल गांधी की वापसी की मांग की है।

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में युवा नेताओं के बागी तेवरों के बीच पार्टी में बदलाव की मांग तेज हो गई है। पार्टी के दो दर्जन से अधिक वरिष्ठ नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है जिसमें ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की गई है। यह पत्र पांच पूर्व मुख्यमंत्रियों, कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य, सांसद और एक दर्जन से अधिक पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने लिखा है।  वहीं राहुल के करीबी कुछ नेताओं ने भी सीडब्ल्यूसी को पत्र लिखकर गांधी के प्रमुख के रूप में वापसी के लिए दबाव डाला है।

पूर्व मंत्रियों और कुछ सांसदों के पत्र को लेकर माना जा रहा है कि कुछ सप्ताह पहले लिखा गया था और इस तरह सीडब्ल्यूसी बैठक के लिए मंच तैयार है जहां असंतुष्टों द्वारा चिह्नित मुद्दों पर चर्चा और बहस होने की उम्मीद है।

इन नेताओं ने सत्ता में विकेंद्रीकरण और राज्य इकाइयों के सशक्तीकरण के माध्यम से सुधारों को केंद्रीय संसदीय बोर्ड की स्थापना के अलावा संगठन में बदलाव लाने का आह्वान किया है। पत्र में गांधी परिवार के साथ सामूहिक निर्णय लेने पर जोर दिया गया है।

नेताओं ने एक पूर्णकालिक नेतृत्व की नियुक्ति का भी आह्वान किया है जो सक्रिय हो और जिसे कार्यकर्ताओ और नेताओं द्वारा आसानी से संपर्क किया जा सके।  सुधार समर्थक नेताओं ने आगे ब्लॉक समिति से लेकर कार्य समिति स्तर तक स्वतंत्र और निष्पक्ष संगठनात्मक चुनावों के लिए कहा है।

वहीं कांग्रेस में सामूहिक नेतृत्व के लिए बहस करने वाले सुधार समर्थक लॉबी के लिए एक काउंटर भी शुरू हो गया है, जिसमें सांसद मनिकम टैगोर ने पार्टी अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी की वापसी की मांग की है।

टैगोर ने सीडब्ल्यूसी के 2019 के फैसले का जिक्र करते हुए कहा, “गान्धी बलिदान के प्रतीक हैं।  कांग्रेस सीडब्ल्यूसी द्वारा निर्णय 1100 एआईसीसी, 8800 पीसीसी सदस्यों, पांच करोड़ कार्यकर्ताओं और 12 करोड़ समर्थकों की इच्छा को दर्शाता है जो राहुल गांधी को अपना नेता चाहते हैं।”। 

टैगोर के अलावा, चेला वामशी चंद रेड्डी, पूर्व तेलंगाना के सांसद और महाराष्ट्र के प्रभारी एआईसीसी सचिव ने कहा है कि बिना किसी देरी के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में राहुल गांधी को प्रमोट किया जाना चाहिए।

रविवार को सीडब्ल्यूसी को लिखे पत्र में, रेड्डी ने कहा,
"मौजूदा स्थितियों को देखते हुए राहुल गांधी को एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में प्रचारित करने में किसी भी तरह की देरी कांग्रेस पार्टी की प्रगति के लिए हानिकारक हो सकती है और कांग्रेस परिवार के लिए विवाद पैदा कर सकती है।"

उन्होंने कहा, “लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं और हमदर्दों की ओर से मैं इस अवसर पर समिति के लिए एक महत्वपूर्ण दबाव का संदर्भ देना चाहूंगा।  हम इस सीडब्ल्यूसी बैठक के होने और राहुल गांधी को एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में बढ़ावा देने के लिए सकारात्मक निर्णय के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा,  "जल्द से जल्द लिया गया यह प्रमुख निर्णय, आगे की रचनात्मक कार्रवाई के लिए एक लॉन्चिंग पैड बना सकता है और हम सभी को अंतिम स्थिति के लिए तैयार कर सकते हैं। राहुल गांधी एकमात्र नेता हैं जो वरिष्ठों और युवाओं दोनों को चेतन कर सकते हैं, उनकी ऊर्जाओं को एकजुट कर सकते हैं, उनकी शक्ति को निर्देशित कर सकते हैं। और कांग्रेस के लिए पिछले गौरव को लाने के लिए भूमिका निभा सकते हैं। "

हालांकि कांग्रेस में युवा नेताओं को राहुल की वापसी की ओर धकेलने की रणनीति तैयार करने की उम्मीद है, लेकिन सोनिया गांधी से पहले मांग करने वाले नेताओं ने उन सभी कांग्रेसियों से संपर्क करने और दिल जीतने के लिए कहा है जो पार्टी से नाराज होकर  पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए हैं।

उन्हें यह भी लगता है कि सीडब्ल्यूसी भाजपा के खिलाफ जनमत जुटाने में प्रभावी रूप से पार्टी का "मार्गदर्शन" नहीं कर रही है।

पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, राज्यसभा में कांग्रेस के उप नेता आनंद शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पृथ्वीराज चव्हाण और राजिंदर कौर भट्टल के अलावा पूर्व मंत्री मुकुल वासनिक, कपिल सिब्बल, एम वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, सांसद मनीष तिवारी, और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद और संदीप दीक्षित शामिल हैं। इसके अलावा राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर के अखिलेश प्रसाद सिंह , कुलदीप शर्मा के भी  हस्ताक्षर हैं।

इन नेताओं ने तर्क दिया कि पार्टी को मजबूत करने पर कांग्रेस प्रमुख के साथ सीधी बातचीत के अभाव में, देश में लोकतंत्र के हित में पार्टी का पुनरुद्धार अनिवार्य हो गया है। लिहाजा अब सीडब्ल्यूसी बैठक से पहले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए गांधी बरक्स गैर गांधी की चर्चा फिर गरमा गई है।

  

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