- अनूप दत्ता
रविवार को अपने तीन दिवसीय मध्यप्रदेश प्रवास के दौरान अमित शाह ने पार्टी के जिस आदिवासी कार्यकर्ता के घर भोजन किया, उसके घर में शौचालय नहीं है। उसका परिवार खुले में शौच जाता है। खबरों में आने के बाद यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस भाजपा को घेरने में जुट गई है।
केंद्र की मोदी सरकार "स्वच्छ भारत अभियान" के तहत खुले में शौच से मुक्ति और हर घर में शौचालय बनवाने की मुहिम में जोर-शोर से जुटी है। लेकिन भाजपा अध्यक्ष की मेजबानी करने वाले कार्यकर्ता के घर में ही शौचालय न होने से पार्टी और सरकार की काफी किरकिरी हो रही है।
भोपाल के सेवनिया गौड़ ग्राम में आदिवासी कमल सिंह उईके के घर आज अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जमीन पर बैठकर पत्तल में खाना खाया। शाह ने स्वादिष्ट दाल-बाटी और कड़ी-चावल की खूब तारीफ की, लेकिन अब यह खाना हजम होना मुश्किल हो गया है।
कई महीने पहले किया था आवेदन
नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि आज अमित शाह ने भोपाल के समीप गांव में जिस आदिवासी कमल सिंह उईके के घर खाना खाया उसकी घर में शौचालय नहीं है। सिंह ने दावा किया कि कमल सिंह ने 6 माह से आवेदन दे रखा था लेकिन अभी तक उसे शौचालय बनाने के लिए योजना का लाभ नहीं मिला। जब भोपाल राजधानी में यह हालात हैं तो प्रदेश के गांव और अन्य शहरों का अंदाजा लगाया जा सकता है।
शौचालय ने बनवा पाने की मजबूरी के बारे में कमल सिंह का कहना है कि वह मजदूरी कर मुश्किल से परिवार का पेट भर पाता है। कई महीने पहले उसने भोपाल नगर निगम में शौचालय बनवाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक शौचालय नहीं बन पाया।
खुल गई दावों की पोल
दिलचस्प बात तो यह है की प्रबुद्ध वर्ग के एक कार्यक्रम में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने दावा किया था कि स्वच्छ भारत मिशन में मध्यप्रदेश में 143 शहर, 17 हजार 616 गांव और 11 जिले शौच से मुक्त घोषित हुए हैं, जिसमें भोपाल जिला भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शुरू हुए इस मिशन के तहत प्रदेश को 427 करोड़ रूपये मिले हैं।
इस चर्चित भोज में अमित शाह और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश अध्यक्ष नन्द कुमार सिंह चौहान, प्रदेश के प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे मौजूद थे। भोजन के बाद अमित शाह ने एक ट्वीट कर आदिवासी कमल सिंह उईके को स्वादिष्ट भोजन के लिए धन्यवाद भी दिया है।