कांग्रेस लगातार कृषि कानूनों का विरोध कर रही है और किसानों का समर्थन भी खुलेआम कर रही है। इस बीच कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने रविवार को यूपी के मेरठ में किसान महापचायत में मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कृषि कानून को वापस लेने के लिए कितने भी साल लग जाएं, कांग्रेस आपके साथ खड़ी रहेगी। इसके लिए चाहे 100 दिन लग जाएं या फिर 100 साल कांग्रेस और किसान पीछे नहीं हटेंगे।
प्रियंका गांधी ने कहा कि कृषि कानून किसनों की भलाई के लिए बनाएं गए हैं या पीएम मोदी के खरबपति मित्रों के भलाई के लिए बनाएं गए हैं। आज 100 दिन पूरे हो गए हैं, लाखों किसान बॉर्डर पर बैठे हैं। अगर ये कानून किसानों के लिए बनाया गया है तो फिर किसान बॉर्डर पर क्यों बैठे हैं?
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली बॉर्डर इसलिए नहीं जा सकते क्योंकि वो किसानों का आदर नहीं कर रहे, उनकी सरकार किसानों के लिए नहीं चल रही है, देशवासियों के लिए नहीं चल रही है।उनकी सरकार उद्योगपतियों के लिए चल रही है, बड़े-बड़े खरबपतियों के लिए के लिए चल रही है।
इसके साथ प्रियंका गांधी ने कहा कि राहुल गांधी ने संसद में किसानों की मौत का मुद्दा उठाया था, लेकिन किसानों की मौत पर सभी मौन रहे. संसद में कोई सत्ता पक्ष का खड़ा नहीं हुआ. जबकि किसानों का आंदोलनजीवी और परजीवी कहकर अपमान हुआ है.
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि अंग्रेजों की तरह भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसानों का शोषण कर रही है. उन्होंने कहा कि यह मेरठ की धरती है। यहीं से स्वतंत्रता संग्राम का पहला विद्रोह शुरू हुआ था। उस आजादी की लड़ाई में किसान शामिल रहे।. हजारों किसान आंदोलन में जुटे। बहुत से लोग शहीद हुए। अंग्रेजी साम्राज्य किसानों को परेशान कर रहा था।
प्रियंका गांधी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में गन्ने का 10 हजार करोड़ रुपये बकाया है। पीएम मोदी ने 16 हजार करोड़ रुपये में दो हवाई जहाज खरीदे हैं। संसद के सुंदरीकरण के लिए 20 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं। बकाया देने की बजाय हवाई जहाज खरीद रहे हैं। आपके बीमे से हजारों करोड़ रुपये खरबपतियों की जेब में गए हैं।
उन्होंने कहा कि 215 किसान शहीद हुए। संसद में राहुल गांधी ने शहीद किसानों के लिए मौन रखने को कहा। सरकार का कोई सांसद किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए नहीं खड़ा हुआ है। पीएम मोदी ने आपका मजाक उड़ाया है। किसानों के बारे में उल्टे सीधे शब्द कहे। आंदोलनजीवी और परजीवी कहा है।