गोटिया ने हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि प्रदेश के लगभग 12 भाजपा विधायकों ने उनके नामांकन पत्र में प्रस्तावक की भूमिका अदा की है। गोटिया के चुनाव मैदान में उतरने के बाद अब यदि कोई उम्मीदवार नाम वापस नहीं लेता है तो मध्यप्रदेश से राज्यसभा की तीन सीटों के लिये 11 जून को मतदान आवश्यक हो जायेगा।
भाजपा ने अधिकृत तौर पर ख्यात पत्रकार एम जे अकबर और वरिष्ठ भाजपा नेता एवं रणनीतिकार अनिल माधव दवे को अपना उम्मीदवार बनाया है। विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या के आधार पर भाजपा की दो सीटों पर जीत तय है जबकि तीसरी सीट के लिये उसके पास तीन निर्दलीय विधायकों के बिना, नौ विधायक कम पड़ रहे हैं। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार विवेक तन्खा को भी इससे चुनौती मिल रही है। अगर कांग्रेस के एक भी विधायक इधर से उधर हुए तो तन्खा की सीट फंस जाएगी। ऐसे में अगर चुनाव होता है तो तन्खा और गोटिया में से किसी एक के भाग्य का फैसला होगा।