बेंगलुरु में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक से इतर एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने किसानों के साथ सहानुभूति जताई और कहा कि वे किसानों की पीड़ा को समझते हैं और सरकार उन्हें सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। मोदी ने भूमि अधिग्रहण विधेयक का प्रत्यक्ष उल्लेख नहीं किया और कहा, जो लोग झूठ फैला रहे हैं, वे किसानों के हितों की रक्षा करना नहीं जानते।
आज ही सरकार ने भूमि अधिग्रहण अध्यादेश पुन: जारी कर दिया है। मोदी ने कहा, किसानों ने अपनी जमीन कैसे खो दी? यह कहां चली गई? अपने बच्चों को चपरासी की नौकरी दिलाने के लिए या उन्हें ड्राइवर बनाने के लिहाज से रिश्वत देने के लिए वे अपनी जमीन तक बेचने को मजबूर हो जाते थे। पिछली सरकार ने उन्हें जमीन बेचने के लिए बाध्य किया। आज देश का पशुधन खत्म हो रहा है और मैं हैरान हूं, जो लोग किसान की जमीन को बचाने के नाम पर बड़े-बड़े आंदोलन चलाने के लिए निकल पड़े हैं, राजनीतिक रोटियां पकाने के लिए निकल पड़े हैं, उन्हें समझना चाहिए कि जमीन जाना जितना दुखदायी है उतना ही बुरा हाल गांवों का तब भी होगा जब पशुधन गांवों से खत्म हो जाएगा। किसानों के सशक्तिकरण की बात करते हुए मोदी ने कहा, मैं आसमान से नहीं टपका हूं। मैं ग्रामीणों और गरीब लोगों के बीच रहा हूं और यहां पहुंचा हूं। मुझे पता है कि जब तक गांवों का विकास नहीं होगा और किसानों की तरक्की नहीं होगी, भारत प्रगति नहीं करेगा।
विपक्ष ने साधा मोदी पर निशाना
दूसरी ओर कांग्रेस के साथ ही अन्य विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उस टिप्पणी को लेकर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा है कि वह किसानों के हित में अच्छे इरादे से काम कर रहे हैं। विपक्षी दलों ने कहा कि उनके कार्य उनके दावे की पुष्टि नहीं करते और साथ ही चुनौती दी कि वह किसानों के ऋण माफ कर दें। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, संप्रग ने किसानों के 72 हजार करोड़ रुपये के ऋण माफ कर दिए थे। मोदी जी क्या आप किसानों के ऋण माफ करने का साहस दिखा सकते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि सरकार के काम उसके दावों को झुठलाते हैं। उन्होंने ट्वीट किया, आरटीआई के मामले जमा हो रहे हैं, सरकार ने न ही सीआईसी की नियुक्ति की है ना ही भंडाफोड़ करने वाला कानून ही लागू किया है। क्या भ्रष्टाचार से लड़ने की यह नीति और नीयत है? जद(यू) अध्यक्ष शरद यादव ने प्रधानमंत्री पर उनकी टिप्पणियों के लिए निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राजग सरकार मात्र सपने बेच रही है और उसके पास कोई नीति या कार्यक्रम नहीं है।