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विपक्षी दलों की महाबैठक में नहीं बुलाए जाने पर भड़की एआईएमआईएम, वारिस पठान बोले- औवेसी को कोई कैसे नजरअंदाज कर सकता है

बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की दो दिवसीय महा बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर, ऑल इंडिया मजलिस...
विपक्षी दलों की महाबैठक में नहीं बुलाए जाने पर भड़की एआईएमआईएम, वारिस पठान बोले- औवेसी को कोई कैसे नजरअंदाज कर सकता है

बेंगलुरु में हुई विपक्षी दलों की दो दिवसीय महा बैठक में आमंत्रित नहीं किए जाने को लेकर, ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादूल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के नेता वारिस पठान ने मंगलवार को सभी 26 दलों पर हमला बोला और कहा कि "तथाकथित" धर्मनिरपेक्ष दल उनके साथ "राजनीतिक अछूत" जैसा व्यवहार कर रहे हैं।

एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान ने पूछा कि आखिर कोई कैसे असदुद्दीन ओवैसी के दल को नज़रंदाज़ कर सकता है। उन्होंने कहा, "तथाकथित धर्मनिरपेक्ष दलों ने हमें नहीं बुलाया, हम उनके लिए राजनीतिक अछूत हैं। वहां कुछ ऐसे नेता भी हैं, जो एक समय भारतीय जनता पार्टी के साथ थे, जैसे नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे और महबूबा मुफ्ती।"

"हमने गुजरात विधानसभा चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल को कांग्रेस की आलोचना करते देखा था, लेकिन बेंगलुरु में वह भी बैठे हुए हैं। हम (एआईएमआईएम) भी 2024 में भाजपा को हराने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन उन्होंने (विपक्षी दलों) असदुद्दीन ओवैसी और हमारे दल को नज़रंदाज़ कर दिया।"

दो दिवसीय संयुक्त बैठक मंगलवार को समाप्त हो गई। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "विपक्षी दलों की अगली बैठक मुंबई में होगी, इसकी तारीख की घोषणा जल्द ही की जाएगी। एक 11 सदस्यीय समन्वय समिति बनाई जाएगी। समिति के सदस्यों के नामों की घोषणा मुंबई में की जाएगी।"

बैठक में 26 दल एक नाम- INDIA के तहत आने पर सहमत हुए। मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, "पहले हम यूपीए थे और अब सभी 26 पार्टियों ने विपक्ष को एक नाम दिया है और वह है भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA)।" विदुथलाई चिरुथिगल काची प्रमुख थोल थिरुमावलवन ने कहा कि यह नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा प्रस्तावित किया गया था।

बता दें कि भाजपा को 2024 में हराने के इरादे से मिले विपक्षी दलों की बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई। बेंगलुरु में मिले 26 दलों के नेताओं ने यह तय किया कि एक 11 सदस्यीय समन्वय समिति जाएगी। साथ ही अभियान संचालन और विभिन्न उप समितियों के साथ समन्वय बनाए रखने के लिए दिल्ली में एक सचिवालय बनाया जाएगा।

प्रेस वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "यह लड़ाई दो राजनीतिक संरचनाओं के बीच नहीं है बल्कि यह लड़ाई भारत के विचार की रक्षा के लिए है। अगर आप इतिहास देखेंगे तो पाएंगे कि कोई भारत के विचार से लड़ने में सक्षम नहीं रहा है। यह भारत के विचार और नरेंद्र मोदी के बीच की लड़ाई है।"

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, "एनडीए, भाजपा, क्या आप INDIA को चुनौती दे सकते हैं? हम अपने देश से प्रेम करते हैं। हम देश के देशभक्त लोगों में से हैं। हम देश, दुनिया, किसानों और सभी के लिए हैं। बंगाल और मणिपुर में हिंदुओं, दलितों, अल्प संख्यकों, किसानों को भाजपा से खतरा है, जिनका एकमात्र काम सरकारों की खरीद फरोख्त करना है।"

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा, "पिछले 9 सालों में पीएम मोदी बहुत कुछ कर सकते थे लेकिन उन्होंने सभी क्षेत्रों को बर्बाद कर दिया। हम यहां अपने लिए नहीं बल्कि देश को नफरत से बचाने के लिए इकट्ठा हुए हैं।"

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