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यह कहकर नहीं बच सकते कि बयान तोड़ा-मरोड़ा गया: राजनाथ

मंत्री और नेताओं की बेतुकी बयानबाजी ने भाजपा व मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह के बाद अब गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी नेताओं को सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी है।
यह कहकर नहीं बच सकते कि बयान तोड़ा-मरोड़ा गया: राजनाथ

केंद्रीय मंत्री वीके सिंह और किरण रिजीजू के विवादित बयानों पर नाराजगी जाहिर करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा, हम यह कह कर बच नहीं सकते कि बयान को तोड़मरोड़ कर या दूसरे अर्थों में पेश किया गया। सत्ताधारी दल के नेता होने के नाते हम लोगों को अपने विचार रखते समय अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है। राजनाथ ने यह भी कहा कि वीके सिंह और किरण रिजिजू दोनों ने ही अपने बयानों को लेकर सफाई दे दी है, अब उस पर उन्हें कुछ नहीं कहना। इससे पहले पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी बेतुकी बयानबाजी करने वाले नेताओं को फटकार लगा चुके हैं।

गौरतलब है कि फरीदाबाद में दलित परिवार को जिंदा जलाए जाने की घटना के बारे में पूछे जाने पर वीके सिंह ने कहा था कि अगर कोई कुत्‍ते को पत्‍थर मारे दे तो सरकार को जिम्‍मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इससे पहले केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा था कि उत्‍तर भारतीयों को कानून तोड़ने में मजा आता है। अब कलराज मिश्र का बीफ को लेकर दिया बयान भाजपा और संघ के भीतर भी घमासान मचा सकता है। 

भाजपा से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, वीके सिंह और किरण रिजीजू को पार्टी आला कमान ने तलब किया है। दोनों को विवादित बयान न देने की नसीहत भी दी है। कहा जा रहा है कि वीके सिंह के मसले पर राजनाथ और अरुण जेटली की मुलाकात भी हुई है। वीके सिंह के कुत्‍ता संबंधी बयान को लेकर विरोधियों ने सरकार और भाजपा पर हमले तेज कर दिए हैं। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सिंह पर दलित एक्ट में केस दर्ज करने और उन्‍हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि अगर मोदी जी सच में दशहरा मनाना चाहते हैं तो पहले अपने कैबिनेट को बुराई और अहंकार से मुक्त करें। 

 

 

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