यूपी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले पूर्व आईएएस अफसर एके शर्मा को बीजेपी उत्तर प्रदेश का उपाध्यक्ष बनाया गया है। पिछले कुछ समय से अटकलें लगाई जा रही थीं कि एमएलसी शर्मा को यूपी में डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। 'एके' के नाम से पहचाने जाने वाले शर्मा के बारे में मशहूर है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्त ब्यूरोक्रेट्स में से एक हैं। बीते 18 साल से मोदी के भरोसेमंद हैं। टाटा नैनो को गुजरात लाने, राज्य में निवेश और वाइब्रेंट गुजरात समिट के आयोजनों में इनकी भूमिका अहम रही।
2014 में गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी जब पीएम बन कर दिल्ली आए तो शर्मा भी पीएम कार्यालय में संयुक्त सचिव के रूप में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली आए। स्वैछिक सेवानिवृत्ति लेते समय वो एसएसएमई मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत थे। इस साल की शुरुआत में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई की निगरानी के लिए पीएम मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी भेजा गया था। वह काशी व पूर्वांचल के आसपास कोविड नियंत्रण से जुड़ी रणनीति बनाने व उसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। कोविड की दूसरी लहर में लगातार सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
मूलरूप से उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद के काझाखुर्द गांव के रहने वाले 58 वर्षीय एके शर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव से ही हुई। उसके बाद 12वीं तक कि पढ़ाई उन्होंने डीएवी इंटर कॉलेज से की. स्नातक व राजनीति शास्त्र में परास्नातक इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया। उनका चयन 1988 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के लिए हो गया, जहां पर उनको गुजरात कैडर दिया गया। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से मास्टर ऑफ पब्लिक पॉलिसी और अमेरिका से स्ट्रक्चरिंग टैरिफ की ट्रेनिंग भी ली है।