कांग्रेस ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जनगणना में हो रही देरी पर सवाल किया और कहा कि केवल जातिगत गणना के जरिए ही शिक्षा और रोजगार में पूर्ण और सार्थक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि अपने राजनीतिक परिवर्तन और आर्थिक उथल-पुथल के बीच, श्रीलंका ने अभी घोषणा की है कि उसकी नवीनतम जनसंख्या और आवास जनगणना - जो पिछली बार 2012 में की गई थी - सोमवार से शुरू होगी।
रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "भारत के बारे में क्या? दशकीय जनगणना 2021 में होनी थी। अभी तक इसके होने का कोई संकेत नहीं है।"
उन्होंने कहा कि 10 करोड़ से अधिक भारतीयों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 या प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लाभ से वंचित किया जा रहा है, क्योंकि अभी भी 2011 की जनगणना के आधार पर ही गणना की जा रही है।
उन्होंने पूछा कि जनगणना में जाति संबंधी प्रश्नों को शामिल करने के बारे में क्या कहना है, जैसा कि कांग्रेस और अन्य सभी राजनीतिक दल मांग कर रहे हैं।
रमेश ने कहा, "अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की विस्तृत गणना 1951 से हर दस साल में होती रही है। अब जरूरत है कि ओबीसी और अन्य जातियों की भी इसी तरह विस्तृत गणना की जाए।"
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि केवल जाति जनगणना के माध्यम से ही शिक्षा और रोजगार में पूर्ण और सार्थक सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।
रमेश ने कहा, 'गैर-जैविक प्रधानमंत्री जनगणना में देरी क्यों कर रहे हैं, वह भी जाति गणना होगी?'